जब अपने ही हो जाये पराए तो…!

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ये वही भीम लाल आर्य हैं, जिन्होंने उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक के दौरान बीजेपी का साथ न देकर सीएम के पक्ष में वोटिंग की थी, लेकिन अब हरीश रावत से इतने ज्यादा नाराज हो गए हैं कि चार दिनों तक आलोचना करने के बाद आज वे मुख्यमंत्री आवास पर धरने पर बैठ गए। आर्य ने हरीश रावत पर घनसाली विधान सभा की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने हरीश रावत का पूरा साथ दिया लेकिन सीएम ने मुझे धरने पर बैठने के लिए मजबूर कर दिया। अब भाजपा में बगावत कर हरीश रावत की सरकार बचाने वाले भीमलाल के धरने पर बैठने के बाद बड़ा सवाल यही है कि आखिर हरीश रावत के सारे ‘भीम’ यानि उनके तमाम चहेते एक-एक कर क्यों उनसे नाराज होते जा रहें हैं? अब एक ओर जहां भाजपा हरीश रावत सरकार के खिलाफ पर्दाफ़ाश यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेसी कलह से भी हरदा की खूब किरकिरी हो रही है। कभी यशपाल तो कभी भीमलाल, और कभी जीतराम , मुख्यमंत्री से इनकी नाराजगी जगजाहिर है। जबकि कांग्रेस संगठन के प्रदेश मुखिया किशोर उपाध्याय आये दिन चिट्ठी की शक्ल में अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। अब एक ओर जहां मिशन 2017 फतेह की तैयारी में बीजेपी पूरी तरह तैयार है ,तो वहीं मिशन 2017 के लिए हरदा को अपनों की नाराजगी भारी पड़ सकती है।

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