बैंक ऋण धोखाधड़ी में आरोपी विजय माल्या अभी तक फरार है। विडंवना तो देखिये सरकार के हाथ इतने छोटे है कि माल्या को पकड़ना तो दूर यह पता लगाने में नाकाम है कि माल्या कहां छुपे हैं। सरकार आंतकवाद से लड़ने की बात कर रही है पर यह कहना अतिष्योक्ति ही होगी जब केद्र सरकार विजय माल्या जैसे भगोड़े को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
लक्जीरियस लाइफ जीने वाले विजय पर 17 बैकों का करीब 9 हजार करोड़ रूपये का कर्जा है। कर्ज में डूबने के बाद भी माल्या के ऐेशो-आराम में कोई कमी नही आयी है। माल्या ब्रिटेन में कही छुपे है।
दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए 4 नवंबर को अदालत में पेश होने का फरमान सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने सरकार पर माल्या पर जल्दी भारत आने का दबाव बनाने की बात कही है। कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को कहा है कि वो लंदन में रह रहे माल्या को वारंट भेजे। माल्या अभी तक कोर्ट में हाजिर नही हुए है उनके खिलाफ कड़े रूख अपनाने की जरूरत है।
वहीं माल्या के वकील ने कोर्ट को बताया कि माल्या भारत आने की स्थिति में नही है। उनका पासपोर्ट जब्ज कर लया गया है। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने माल्या को पहले ही भगोड़ा साबित कर दिया है। वहीं दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने 75 करोड़ रूपये का चैक बाउंस के मामले में माल्या पर 3 केस दर्ज करा चुका है।
पर सवाल यह उठता है आखिर केद्र सरकार के हाथ क्यो बंधे है। इतने लंबे समय से माल्या देष से फरार है और केद्र माल्या को पकड़ने के कोई कड़े कदम नही उठा रही। सरकार की मंशा से अंदाजा लगाया जा सकता है कि षराब माफिया, बिजनेसमैन, अन्य बड़े कारोबारी सब केंद्र की शरण में है जिनका कानून भी कुछ नही बिगाड़ सकता।