
अंकिता हत्याकांड को लेकर उत्तराखंड बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। जहां त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिनों इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। तो वहीं अब एक और बीजेपी नेता ने मामले की सीबीआई जांच और नामजद नेताओं के इस्तीफे की मांग की है।
अंकिता हत्याकांड को लेकर बीजेपी में घमासान
अंकिता भंडारी हत्याकांड उत्तराखंड में इन दिनों एक बार फिर से चर्चाओं में है। इसे लेकर एक्सट्रेस उर्मिला सनावर के दावों को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का बयान हाल ही में सामने आया था। जिसमें उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। जिसके बाद अब एक और भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इसस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
इस मामले को लेकर बरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी से प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। उनका मानना है कि “अंकिता भंडारी प्रकरण निश्चित रूप से गंभीर विषय है। आम जनमानस के मन में किसी प्रकार की शंका-आशंका ना रहे, इस हेतु जो भी कानूनी कार्यवाही अथवा CBI जाँच आदि की जानी हो, तो करनी चाहिए।”
नामजद नेताओं को देना चाहिए इस्तीफा
अजेंद्र अजय ने ना केवल सीबीआई जांच की मांग की है बल्कि उन्होंने नामजद नेताओं के इस्तीफे की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि “मेरा ये भी सुझाव है कि इस प्रकरण में जो भी नेता दोषारोपित किए गए हैं, उनको पार्टी हित और जन विश्वास कायम रखने के लिए नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्याग- पत्र देना चाहिए। उन्हें स्वयं ये घोषणा करनी चाहिए कि वे अपने को निर्दोष साबित करेंगे और तत्पश्चात पार्टी में कोई पद स्वीकार करेंगे।”
राजनीति अपनी जगह है, सामाजिक सौहार्द अपनी जगह
अजेंद्र अजय ने ना केवल सीबीआई जांच और इस्तीफे की मांग की है। बल्कि अजेंद्र अजय ने इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तक को सलाह दे डाली। उनका कहना है कि “भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी को आवश्यक नहीं है कि वो प्रत्येक मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें। मीडिया के समक्ष पार्टी का पक्ष आदि रखने के लिए प्रवक्ता इत्यादि की व्यवस्था बनाई गई है।
अंकिता भंडारी प्रकरण में जाति को लेकर जो बयान मीडिया व सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, वो पार्टी के लिए हानिकारक है। इससे भी अधिक प्रदेश के सामाजिक ताने- बाने के लिए भी घातक है। राजनीति अपनी जगह है, सामाजिक सौहार्द अपनी जगह है।”
इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में हलचल है। जहां अब तक कांग्रेस और यूकेडी भी सीबीआई जांच की मांग करती नजर आ रही थी। तो वहीं त्रिवेंद्र और अजेंद्र अजय के बयान के बाद और भी हमलावर होती नजर आ रही है। विपक्ष का एक ही सवाल है कि जब सरकार छोटे-छोटे मामलों की सीबीआई जांच करवा सकती है तो इस मामले की क्यों नहीं ?






