

प्रदेश में पिछले तीन सालो में बने स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारीयों को निर्देश जारी किए है। जिसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सिर्फ तीन सालों के ही क्यों, बीते 15 सालों के स्थाई निवास पत्रों की जांच होनी चाहिए
स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की जांच पर गणेश गोदियाल ने उठाए सवाल
स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की जाँच को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री का तीन सालों में बने निवास प्रमाण पत्रों की जांच का आदेश स्वागत योग्य जरूर है लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते है की तीन साल ही क्यों ?, विगत 15 सालों में बने स्थाई निवास प्रमाण पत्रों भी जांच होनी चाहिए। ताकि ये पता लग सके की कितने लोगों ने फर्जी या कूटरचित तरह से अपने स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाएं हैं।
15 सालों के प्रमाण पत्रों की हो जांच
गणेश गोदियाल ने ये भी कहा है कि कांग्रेस पार्टी पहले भी यही सवाल राज्य की भाजपा सरकार से पूछती रही है। आज राज्य मे बहुत संख्या मे ऐसे लोग जिन्होंने ने फर्जी तरह से अपने स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाएं हैं, वो गरीबों का, सरकारी योजनाओं का लाभा उठा रहे हैं और उनके हक़ पर डाका डाल रहे हैं।
अपनी खाल बचाने के लिए सीएम करवा रहे जांच
गोदियाल ने कहा कि सबसे पहले ये सरकार का दोष है और वो दोषी है कि जिस प्रकार उसने नियमों में ढील देकर प्रमाण पत्र बनाने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी सिर्फ अपनी खाल बचाने के लिए ये जांच करवा रहे हैं। इसमें जितने दोषी अधिकारी है उतना ही मुख्यमंत्री भी है।



