पिथौरागढ़- मासूम से दुष्कर्म हत्या मामला: प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी रिव्यू पिटीशनl

पिथौरागढ़: उत्तराखंड सरकार ने पिथौरागढ़ की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटीशन) दाखिल करने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस मामले पर अपने कानूनी सलाहकारों के साथ गहन विचार-विमर्श करने के बाद यह कदम उठाया है।

क्या है मामला?

20 नवंबर 2014 को कांग्रेस शासनकाल में पिथौरागढ़ की मासूम बच्ची हल्द्वानी के शीशमहल स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित एक शादी समारोह के दौरान अचानक लापता हो गई थी। छह दिन बाद बच्ची का शव गौला नदी से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई थी।

इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। जगह-जगह लोग सड़कों पर उतरे और बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए। उस दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी अख्तर अली समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

कोर्ट की कार्यवाही

मार्च 2016 में स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी अख्तर अली को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद 2019 में नैनीताल हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी को बरी कर दिया।

सरकार का रुख

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद पीड़ित परिवार और आमजन में गहरी निराशा देखने को मिली। लोगों की भावनाओं और न्याय की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने अब इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है। सरकार का कहना है कि मासूम के साथ हुई इस जघन्य वारदात में किसी भी हाल में न्याय से समझौता नहीं किया जाएगा।

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