छत्तीसगढ़: गरियाबंद में देर से दफ्तर आने वाले अफसर-कर्मियों के लिए कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है. 10 बजते ही संयुक्त कार्यालय का गेट बंद हुआ तो देर से आने वाले अफसर- कर्मी बाहर रह गए.
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िला मुख्यालय स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में सोमवार सुबह एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। कलेक्टर भगवान दास उइके के निर्देश पर ठीक सुबह 10 बजे के बाद कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया। परिणामस्वरूप, जो अधिकारी और कर्मचारी देरी से पहुंचे, उन्हें दफ्तर के बाहर ही रुकना पड़ा।
क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
कलेक्टर ने बताया कि लंबे समय से अधिकारियों-कर्मचारियों की लेटलतीफी की शिकायतें मिल रही थीं। कई बार मौखिक रूप से समझाइश दी गई, नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
उन्होंने कहा,
“कार्यालयीन व्यवस्था समयबद्ध और अनुशासित ढंग से संचालित हो, इसलिए अब कठोर निर्णय ज़रूरी हो गया है।”
पहले भी दी थी हिदायत
सूत्रों के मुताबिक, कलेक्टर पहले भी बाहर से आने वाले कर्मचारियों को गरियाबंद में ही निवास करने की सलाह दे चुके थे, ताकि समय पर कार्यालय पहुंचा जा सके। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही अब सख्त कदम की वजह बन गई।
आम जनता ने सराहा कदम
दफ्तर आए कई आम नागरिकों ने इस पहल का स्वागत किया। उनका कहना है कि अक्सर अधिकारियों के देर से पहुंचने से कामों में देरी होती थी। अब अगर उपस्थिति समय पर होगी, तो जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
आगे भी जारी रहेगा सख्ती का दौर
कलेक्टर ने साफ संकेत दिए हैं कि यह व्यवस्था अब नियमित रूप से लागू की जाएगी। यदि कोई कर्मचारी समय की अनदेखी करता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।