शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने साक्षरता रैंकिग को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा तमिलनाडु अभी भी पहले नंबर पर हैं.
मसूरी: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत आज मसूरी पहुंचे और प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आने वाली नई योजनाओं का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अब केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
शिक्षा में बड़ा कदम:
धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड में 22,000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें 37 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस साल विश्वविद्यालयों की संख्या 40 तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा को सीमित दायरे से निकालकर वैश्विक स्तर पर लाने की दिशा में काम शुरू किया गया है। अब विदेशी छात्र भी उत्तराखंड में पढ़ाई के लिए आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 700 स्कूलों में व्यावसायिक कक्षाएं शुरू की जा रही हैं, 1200 इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास लागू की जा रही हैं, और हर स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहने दिया जाएगा, बल्कि उन्हें रोज़गार और व्यावसायिक कौशल की दिशा में तैयार किया जाएगा।
साक्षरता में उपलब्धि:
शिक्षा मंत्री ने कहा कि साक्षरता के मामले में उत्तराखंड अब पूरे भारत में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है, केवल तमिलनाडु पहले स्थान पर है। अगले साल प्रदेश इसे भी पीछे छोड़ देगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में पहल:
धन सिंह रावत ने बताया कि 17 सितंबर (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक राज्य में व्यापक स्वास्थ्य सेवा अभियान चलाया जाएगा। इसमें 225 स्थानों पर रक्तदान शिविर आयोजित होंगे, और 1 लाख यूनिट रक्त एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। करीब 4 लाख युवाओं का हेल्थ वालंटियर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
प्रदेश के 7500 ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य शिविर चलाए जाएंगे, जिसमें डॉक्टर स्वयं गांव जाकर निशुल्क जांच और दवाएं उपलब्ध कराएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 2026 तक पिथौरागढ़ और उधमसिंहनगर में नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। साथ ही, राज्य सरकार 400 एमबीबीएस छात्रों को पीजी की पढ़ाई अपने खर्चे पर करवा रही है, और उन्हें 5 साल तक राज्य में सेवा देना अनिवार्य होगा।
राजनीतिक तंज:
धन सिंह रावत ने कहा, “70 साल तक वोट की चोरी करने वाले अब क्या नसीहत देंगे? अब जनता समझदार है।”
उत्तराखंड की शिक्षा और स्वास्थ्य में यह पहल न केवल प्रदेश के युवाओं के लिए अवसर बढ़ाएगी, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।