हरिद्वार: हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित गैस प्लांट औद्योगिक क्षेत्र में मंगलवार देर रात पुलिस और पूर्ति विभाग की संयुक्त कार्रवाई में गैस की अवैध रिफिलिंग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। बंद पड़ी एक फैक्ट्री में चल रहे इस खतरनाक खेल को देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस और जिला आपूर्ति विभाग को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि गैस प्लांट क्षेत्र में घरेलू और कमर्शियल सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग हो रही है। मंगलवार रात छापेमारी के दौरान यह शक हकीकत में बदल गया। फैक्ट्री के अंदर दो बड़े गैस कैप्सूल वाहन, 61 घरेलू व कमर्शियल सिलेंडर, गैस रिफिलिंग मशीनें, नोजल पाइप, इलेक्ट्रॉनिक तराजू, मोटर, और अन्य कई उपकरण बरामद किए गए।
तीन आरोपी मौके से गिरफ्तार, कई फरार
जैसे ही पुलिस ने दबिश दी, कई लोग अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग निकले। लेकिन तीन आरोपियों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया:
अंकित – निवासी मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
सुरजीत – निवासी ऋषिकेश (उत्तराखंड)
दीपक शुक्ल – निवासी रीवा (म.प्र.)
अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है।
भयानक हादसे से टली बड़ी त्रासदी
सबसे हैरानी की बात यह रही कि जिस जगह यह अवैध रिफिलिंग हो रही थी, वहां न कोई सुरक्षा उपकरण था, न कोई अग्निशमन व्यवस्था। फैक्ट्री के बिल्कुल पास ही इंडियन ऑयल का गैस प्लांट स्थित है और क्षेत्र घनी आबादी वाला है। पास की फैक्ट्रियों में हजारों मजदूर काम करते हैं। यदि समय रहते इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश न होता, तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
इस कार्रवाई में शामिल रहे:
जिला आपूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह
आईओसीएल अधिकारी
रानीपुर कोतवाल कमल मोहन भंडारी
स्थानीय पुलिस बल व एनफोर्समेंट टीम
अब गैस नेटवर्क की हो रही गहन जांच
इस रैकेट का जाल कितना फैला है, इसकी जांच के लिए पुलिस और आपूर्ति विभाग ने पूरे नेटवर्क की गहन पड़ताल शुरू कर दी है। पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं, कहां से गैस सप्लाई हो रही थी और इसके पीछे किस स्तर का संगठित नेटवर्क काम कर रहा है।
मुकदमा दर्ज
पूर्ति विभाग ने EC एक्ट 1955 और पेट्रोलियम एक्ट 2000 के तहत
2 कैप्सूल गैस फर्मों,
2 ड्राइवरों,
कुल 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं पर इस तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें, ताकि समय रहते किसी भी दुर्घटना को टाला जा सके।