Dream 11 पर ऑनलाइन गेमिंग बिल का असर, कारोबार समेटने की तैयारी में कंपनी!

Dream 11: लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी ऑनलाइन गेमिंग बिल पारित हो जाने के बाद फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 ने अपना कारोबार बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बारे में कर्मचारियों को भी जानकारी दे दी गई है।

Dream 11: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी ऑनलाइन गेमिंग बिल पास हो गया है। बिल में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन रियल मनी गेम्स पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। इस फैसले का असर देश की 3.8 अरब डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री पर साफ दिखाई देगा। सूत्रों के मुताबिक, बिल पास होते ही फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 ने अपना रियल मनी गेमिंग कारोबार बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है।

ऑपरेशन का कोई रास्ता नहीं
सूत्रों के अनुसार, 20 अगस्त को कंपनी ने अपने कर्मचारियों को इंटरनल टाउन हॉल में रियल मनी गेमिंग ऑपरेशन बंद करने की जानकारी दी। कंपनी के सालाना रेवेन्यू का करीब 67% हिस्सा सिर्फ ड्रीम 11 से आता था।

ड्रीम स्पोर्ट्स के सीईओ हर्ष जैन ने कर्मचारियों को बताया कि कानून बनने के बाद इस ऑपरेशन को जारी रखना संभव नहीं है। ऑन-रोल और कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों को सूचित कर दिया गया है। अब कंपनी अपने अन्य वर्टिकल्स जैसे फैनकोड, ड्रीमसेटगो और ड्रीम गेम स्टूडियोज पर ध्यान केंद्रित करेगी।

मुख्य प्लेटफॉर्म पर निर्भरता
यह कंपनी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि ड्रीम 11 का 90% से अधिक रेवेन्यू पेड फैंटेसी कॉन्टेस्ट से आता है। 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ द्वारा स्थापित इस कंपनी ने 28 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स के साथ भारत के फैंटेसी स्पोर्ट्स बाजार में दबदबा कायम किया।

विशेष रूप से, 2024 के पुरुष क्रिकेट विश्व कप के दौरान ड्रीम 11 ने अकेले अपने प्लेटफॉर्म से 9,600 करोड़ से अधिक की कमाई की। फैनकोड और ड्रीमसेटगो जैसी अन्य वर्टिकल्स का योगदान अभी सीमित है। इससे साफ है कि बिल के लागू होने से ड्रीम स्पोर्ट्स के कोर बिजनेस पर कितना असर पड़ेगा।

नया कानून तैयार
राज्यसभा ने 21 अगस्त को ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध का रास्ता भी साफ हो गया। लोकसभा ने इसे 20 अगस्त को पारित किया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उच्च सदन में कहा कि यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को दो-तिहाई तक बढ़ावा देगा, लेकिन ऑनलाइन मनी गेम्स पर रोक लगाएगा। उनका कहना था कि ये गेम्स समाज, खासकर मध्यम वर्ग के युवाओं के लिए गंभीर समस्या बन चुके हैं।

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