लोकसभा में पेश हुआ ऑनलाइन गेमिंग बिल: पेनल्टी से पनिशमेंट तक, जानिए क्या हैं खास प्रावधान

केंद्र सरकार ने बुधवार (20 अगस्त, 2025) को संसद के निचले सदन लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया। एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से इस विधेयक को मंजूरी दी गई थी।नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने कहा कि यह कानून नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और साथ ही नवाचार को भी बढ़ावा देगा।

सरकार का मानना है कि डिजिटल तकनीक ने जहां लोगों को अपार अवसर दिए हैं, वहीं इसके दुरुपयोग से नए खतरे भी पैदा हुए हैं। यही वजह है कि यह बिल सुरक्षित ऑनलाइन गेमिंग माहौल बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

बिल क्यों है खास?

  • ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा मान्यता – खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स को वैध प्रतिस्पर्धी खेल मानकर उसके आयोजन, प्रशिक्षण और विकास के लिए ढांचा तैयार करेगा।

  • ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा – शैक्षिक और सांस्कृतिक मूल्यों वाले गेम्स को केंद्र सरकार मान्यता और समर्थन देगी।

  • ऑनलाइन मनी गेम्स पर सख्ती – ऑनलाइन जुए, सट्टेबाजी, फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी और ऑनलाइन लॉटरी जैसी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। ऐसे गेम्स के विज्ञापन और वित्तीय लेनदेन भी गैरकानूनी माने जाएंगे।

  • राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना – एक ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण बनेगा जो गेम्स का वर्गीकरण, पंजीकरण और शिकायतों का निपटारा करेगा।

  • कड़े दंड का प्रावधान

    • मनी गेमिंग कराने पर 3 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

    • विज्ञापन करने पर 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना

    • बार-बार अपराध करने पर 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

सरकार की मंशा

यह कानून युवाओं को भ्रामक “पैसे वापसी” वाले ऑनलाइन गेम्स की लत से बचाने के लिए है, जो कई बार परिवारों को आर्थिक संकट तक पहुंचा देते हैं। साथ ही, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी, धन शोधन और आतंकवाद फंडिंग जैसे खतरों पर भी रोक लगाने का प्रयास है।

सकारात्मक असर

  • भारत को ई-स्पोर्ट्स और डिजिटल गेमिंग में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व दिलाना

  • युवाओं को कौशल और रोजगार के अवसर देना

  • परिवारों को हानिकारक मनी गेम्स से सुरक्षित रखना

  • जिम्मेदार डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देना

कुल मिलाकर, यह विधेयक “सुरक्षा और नवाचार” के बीच संतुलन साधते हुए भारत में गेमिंग उद्योग को नई दिशा देने वाला कदम साबित हो सकता है।

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