Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने अब लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के साथ-साथ अब लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सख्ती शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जिला सहकारी बैंक लिमिटेड हरिद्वार की शाखाओं की कार्यप्रणाली की समीक्षा के बाद दो शाखा प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि आठ शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। सहकारिता क्षेत्र में यह कार्रवाई अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
यह कार्रवाई शुक्रवार को बीटी गंज, रुड़की स्थित जिला सहकारी बैंक मुख्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता अपर निबंधक सहकारिता आनंद ए.डी. शुक्ला ने की। समीक्षा बैठक में बैंक की शाखाओं की वित्तीय स्थिति, एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स), डिपॉजिट वृद्धि, ऋण वितरण और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक के बाद बहादराबाद शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक प्रशांत शुक्ला और खानपुर शाखा के प्रबंधक देवनारायण चौधरी को निलंबित कर दिया गया। वहीं रुड़की मुख्य शाखा, गणेशपुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लक्सर, खानपुर, राइसी और तेजुपुर शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिन शाखाओं का एनपीए 10% से अधिक है, उनके प्रबंधकों का वेतन रोका जाएगा। आगामी तीन माह में एनपीए को 68 करोड़ से घटाकर 40 करोड़ तक लाने का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं जिन शाखाओं का डिपॉजिट 10 करोड़ से कम है, उन्हें 20 करोड़ तक ले जाने का निर्देश भी दिया गया है।
साथ ही सभी शाखाओं को 15 अगस्त तक पैक्स कम्प्यूटरीकरण और शाखा सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।
कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “राज्य में सहकारिता प्रणाली को ईमानदार, पारदर्शी और जनहितैषी बनाना हमारी प्राथमिकता है। लापरवाही और ढीली कार्यसंस्कृति को किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो अधिकारी बेहतर कार्य करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, लेकिन जो कर्तव्यों से विमुख हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित कर रही है।