उत्तराखंड में यूपी आयुष्मान कार्ड अमान्य, लिंक जरूरी

देहरादून: उत्तर प्रदेश से आने वाले मरीज अब केवल तभी आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज ले सकेंगे, जब वे श्रमिक कार्ड प्रस्तुत करेंगे। यह सख्त नियम सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में लागू हो चुका है

📍 पृष्ठभूमि (देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, पौड़ी)

– इन जिलों में अक्सर यूपी से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। पहले वे बिना अतिरिक्त दस्तावेज के योजना का लाभ उठा लेते थे।
– लेकिन फर्जी कार्ड के मामलों में वृद्धि हुई — गिरोहों द्वारा गलत दस्तावेज बनाकर मुफ्त इलाज कराया गया, जिससे अस्पतालों को भुगतान नहीं मिला और सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ

⛔️ क्या हुआ बदलाव?

  • कई निजी व सरकारी अस्पतालों ने ऐसे यूपी मरीजों का आयुष्मान क्लेम स्वीकार करना बंद कर दिया, जिससे वास्तविक जरूरतमंद मरीज प्रभावित हुए। बाद में सिर्फ आपात मामलों में छूट दी जाने लगी

  • अब नई व्यवस्था में, केवल श्रमिक कार्डधारी यूपी मरीजों को ही स्वीकृति मिलेगी। साफ्टवेयर में मरीज का श्रमिक कार्ड अपडेट होना अनिवार्य रहेगा — तभी इलाज के लिए ऑटो‑अप्रीवल मिलेगा

  •  डॉ. आर.एस. बिष्ट के अनुसार, दून में प्रतिदिन 65–70 आयुष्मान के तहत मरीज भर्ती होते हैं, जिनमें करीब 10 यूपी से आते हैं।अब इन मरीजों को प्रारंभ में साफ़ कहना होगा कि उनके पास श्रमिक कार्ड है या नहीं — अन्यथा उन्हें निजी खर्च पर इलाज करवाना होगा।

 

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