देहरादून – सनातन संस्कृति में यज्ञों का हमेशा से ही एक विशिष्ट स्थान रहा है, और हमारे वेदों में यज्ञ को धर्म का मेरुदंड कहा गया है। ये देवताओं और मनुष्यों के बीच सेतु का कार्य करते हैं, और न केवल हमारी आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि समाज को धार्मिक, सांस्कृतिक और नैतिक रूप से भी समृद्ध बनाते हैं। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिव मन्दिर शंकरपुर सहसपुर में आयोजित 63वें भव्य कोटि लिंग रुद्र महायज्ञ में शामिल होकर कही।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे आयोजनों से हमारी सनातन परंपराओं की दिव्यता और भव्यता का जीवंत प्रमाण मिलता है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस महायज्ञ में 151 विद्वान् वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा वैदिक ऋचाओं के सामूहिक उच्चारण के साथ भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा, जिससे न केवल इस क्षेत्र में बल्कि संपूर्ण देश और प्रदेश में आध्यात्मिक ऊर्जा की वृद्धि होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका पूरी दुनिया में लहरा रही है, और अब दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत है।
इस दिशा में, हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है, और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण यमुना तीर्थ सर्किट का भव्य निर्माण किया जाएगा। इस सर्किट के तहत यमुना जी पर विभिन्न घाटों का निर्माण होगा, जहां पर हरिद्वार, ऋषिकेश और देवप्रयाग की तरह भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा। इससे ये पवित्र स्थान एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी विकसित होगा।
मुख्यमंत्री ने इस भव्य कोटि रुद्र महायज्ञ के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को शुभकामनाएँ दी और भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे राज्य के सभी निवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करें।
#SanatanCulture #Yajna #RudraMahayajna #SpiritualEnergy #CulturalHeritage #Uttarakhand #ShivaBlessings #ReligiousTourism #VedicTraditions #Divinity #SpiritualGrowth #HeritageConservation #HaripuraKalasi #YamunaCircuit #ReligiousCelebrations #ShivTemple