उत्तरकाशी – उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद, 41 मजदूरों की जान बचाने में सफलता मिली है। 17 दिनों तक सुरंग के भीतर फंसे इन मजदूरों को अंततः सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। इस दौरान, सभी ने बाबा बौखनाग देवता पर अटूट आस्था दिखाई और उनके सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थनाएं की। कुछ दिन बाद, सभी मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू किया गया।
अब, उसी सुरंग के पास बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। कार्यदायी संस्था ने मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया है और अब रंग रोगन का काम चल रहा है। संस्था के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही सुरंग पूरी तरह से आर-पार हो जाएगी, मंदिर में पारंपरिक तरीके से प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
यह घटनाक्रम नवंबर 2023 में हुआ था जब चार किमी लंबी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के कारण 41 मजदूर फंस गए थे। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। हादसे के बाद, सभी मजदूरों के परिवारों ने बाबा बौखनाग देवता की पूजा अर्चना की, जिसके बाद उनके सुरक्षित रेस्क्यू की प्रक्रिया सफल हुई।
अब, सुरंग के आर-पार होने के बाद मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है, जो अप्रैल 2025 तक पूरी हो सकती है।
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