देहरादून – वन मुख्यालय ने एक राज्यस्तरीय एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तैयार किया है, जिसका उद्देश्य वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि और अन्य वन संबंधित समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी निगरानी करना है। अब कोई भी व्यक्ति 1926 हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से इन समस्याओं की सूचना दर्ज करा सकेगा। इससे वन विभाग को बेहतर तरीके से जंगली आग पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और भविष्य में योजनाओं को और भी सुदृढ़ बनाने का अवसर मिलेगा।
अब तक वन विभाग के पास विभिन्न मुद्दों के लिए अलग-अलग नंबर थे, लेकिन अब इस नए केंद्र से सभी शिकायतों और सूचनाओं को एकत्रित किया जाएगा। यह नया कदम वन विभाग के लिए सूचना संग्रहण और समस्या निवारण में क्रांतिकारी साबित होगा।
वनाग्नि के नियंत्रण के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए जीआईएस आधारित “फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड” मोबाइल एप से अब घटनाओं की रियल टाइम मानीटरिंग संभव होगी, और समय पर प्रतिक्रिया दी जा सकेगी। इस एप के माध्यम से वन कर्मियों की कार्रवाइयों का सटीक डेटा मिलेगा और टीम के द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी करना आसान होगा।
मुख्य वन संरक्षक धनंजय मोहन के अनुसार, अब टीम आग लगने के बाद घटनास्थल पर पहुंचने के बाद सूचना भेजने के बजाय सीधे तकनीकी माध्यम से घटनाओं की पूरी जानकारी त्वरित तरीके से प्राप्त करेगी।
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