श्रीहरिकोटा – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी59 रॉकेट लॉन्च किया। यह रॉकेट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 मिशन के लिए उड़ान भरा, जो सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। मिशन को बुधवार शाम 4:08 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन प्रोपल्शन सिस्टम में आई खराबी के कारण इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया और आज 4:04 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
प्रोबा-3 मिशन के लिए लगभग 1,778 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह मिशन यूरोपीय स्पेस एजेंसी के प्रोबा सीरीज का तीसरा सोलर मिशन है। प्रोबा-3 का उद्देश्य सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना है, और इसमें दो अंतरिक्ष यान, कोरोनाग्राफ (310 किग्रा) और ऑकल्टर (240 किग्रा) शामिल हैं। ये दोनों यान मिलकर सूर्यग्रहण की नकल बनाएंगे, जिससे सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना संभव होगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस मिशन से सूर्य के कोरोना का तापमान अधिक होने के कारणों का पता चलेगा।
इस मिशन में स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, इटली और स्विट्ज़रलैंड के वैज्ञानिकों ने मिलकर काम किया है। इसरो ने प्रोबा-3 मिशन को लेकर कहा कि ‘प्रोबा’ शब्द लैटिन से लिया गया है, जिसका अर्थ है “चलो प्रयास करें”।
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