देहरादून – विद्युत लोकपाल ने दो महत्वपूर्ण मामलों में उपभोक्ताओं से नियमविरुद्ध वसूली करने के खिलाफ फैसला सुनाया है। लोकपाल ने फोरम के आदेश रद्द कर दिए और उपभोक्ताओं को उनकी वसूली गई राशि लौटाने का आदेश दिया।
पहला मामला रुड़की निवासी सुमन सिंघल का है। सुमन ने आरोप लगाया कि यूपीसीएल के अधिकारियों ने बिना सूचना दिए उनके घर के बाहर चेक मीटर लगवाया और उसके आधार पर एक लाख 64 हजार का बिल और 82 हजार का स्लो मीटर चार्ज जोड़कर दो लाख 20 हजार का बिल थमा दिया। अधिकारियों ने कनेक्शन काटने का दबाव बनाकर उनसे यह राशि जमा करवा ली। सुमन का कहना था कि चेक मीटर की रीडिंग ही गलत थी।
उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने इस मामले में 141 दिन के बजाय 65 दिन का बिल कैलकुलेट करते हुए कम राशि जमा करने का आदेश दिया। विद्युत लोकपाल डीपी गैरोला ने फोरम का आदेश रद्द करते हुए यूपीसीएल को आदेश दिया कि उपभोक्ता से वसूली गई पूरी राशि माहवार किश्तों में लौटाई जाए।
दूसरा मामला देहरादून निवासी राजकुमार का है। उन्होंने अपनी दुकान में लगे मीटर की जांच और खराब मीटर को बदलने के लिए एसडीओ से आवेदन किया था। नए मीटर के लगाए जाने पर एक महीने का बिजली बिल 1100 रुपये आया, जो उन्हें गलत लगा। उपभोक्ता फोरम ने इस राशि को कुछ कम कर दिया, लेकिन विद्युत लोकपाल ने फोरम का आदेश रद्द करते हुए याचिका भी खारिज कर दी।
इन दोनों मामलों में विद्युत लोकपाल ने यह साबित किया कि विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता और गलत वसूली को लेकर कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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