नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित में पूर्व में दिए गए आदेश का पालन न करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को मामले में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है।
क्या है मामला?
उपनल कर्मचारी संघ ने यह अवमानना याचिका दायर करते हुए कहा है कि उच्च न्यायालय ने 2018 में कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक नियमावली बनाए, उनके वेतन से जीएसटी टैक्स न वसूले और उन्हें न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करे।
हालांकि, राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दिया। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया है और न ही उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर कोई नियमावली बनाई है, जबकि वे वर्षों से काम कर रहे हैं।
सरकार की कार्रवाई और कर्मचारियों की परेशानियां
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करते हुए उपनल कर्मचारियों के स्थान पर नियमित विज्ञप्ति जारी कर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि ये कर्मचारी पहले से ही राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। इस स्थिति में उपनल कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है और वे लंबे समय से अपनी नियमितीकरण की उम्मीद लगाए हुए हैं।
कोर्ट की ओर से जारी नोटिस और अगली सुनवाई की तिथि
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस गंभीर मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि क्यों नहीं उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया गया और उपनल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की गई।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तिथि तय की है, जब राज्य सरकार को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।