भू कानून के प्रावधानों के खिलाफ भूमि की खरीद फरोख्त की जांच रिपोर्ट पर सियासी तकरार।

देहरादून – भू कानून के प्रावधानों के विपरीत भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच रिपोर्ट जिलों से शासन को न मिलने के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस ने सभी 13 जिलों से रिपोर्ट भेजने में देरी को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है, जबकि भाजपा ने दावा किया है कि पांच जिलों से रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो रही हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने और कौन-कौन से जिलों की रिपोर्ट सरकार को मिली है। लगातार तीन दिन के अवकाश के चलते रिपोर्ट की ताजा स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कुछ और समय मांगा गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम से भूमि खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट मांगी थी। इस रिपोर्ट से पता चलेगा कि किन जिलों में राज्य के बाहर के लोगों ने भू कानून का उल्लंघन कर 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदी है।

कांग्रेस का आरोप: सरकार कर रही है गुमराह

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार भू कानून के मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडी तिवारी सरकार के समय बनाए गए भू कानून को भाजपा ने समाप्त कर दिया है। धस्माना ने मांग की है कि 2017 से आज तक हुई सभी भूमि खरीद-फरोख्त की जांच कराई जाए।

भाजपा का जवाब: कांग्रेस फैला रही है भ्रम

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि वे भू कानून और भूमि की खरीद-फरोख्त पर भ्रम फैला रहे हैं। चौहान ने स्पष्ट किया कि भाजपा ने पांच जिलों से भूमि खरीद की रिपोर्ट शासन को भेजी है और अगर कोई नियम उल्लंघन पाया गया तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

भू कानून के मुद्दे पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। अब देखना यह है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मुद्दे पर सियासत का क्या रंग बदलता है।

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