चंपावत – चंपावत टनकपुर राजमार्ग के बीच बने स्वाला डेंजर जोन ने सभी के पसीने छुड़ा दिए हैं। राजमार्ग बंद होने के कारण शहरी क्षेत्रो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रो में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। वही व्यापारियों व स्थानीय लोगों को भारी आर्थिक नुकसान व परेशानियां उठानी पड़ रही है। बड़े वाहनों के लिए एनएच लगातार बंद रहने से क्षेत्र में अब जरूरी वस्तुओं की किल्लत होने लगी है साथ ही लोग मे आक्रोश बढ़ने लगा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के ईई आशुतोष कुमार के अनुसार जब तक उक्त स्थल से पूरा मलवा हटाकर पक्की जमीन नहीं मिलती है, तब-तक यहां सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। जिसके लिए 24 और 25 सितंबर को राजमार्ग में सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने स्थल का निरीक्षण कर हर स्थिति का अध्ययन किया और कहा कि यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। डीएम चंपावत नवनीत पांडे के आदेशानुसार 24 और 25 सितंबर को सभी हल्के वाहनों का संचालन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक सुखीढाग डाडा मीनार मोटर मार्ग से तथा भारी वाहनों का संचालन काठगोदाम देवीधूरा लोहाघाट मार्ग से होगा। आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वही एनएच लगातार बंदे रहने से जनता और व्यापारियों को हो रही दिक्कतो को देखते हुए चंपावत के व्यापारियों के द्वारा डीएम चंपावत नवनीत पांडे तथा लोहाघाट के व्यापारियों के द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा गया और जल्द से जल्द एनएच खोलने व सुधार की मांग की गई। व्यापारियों ने कहा एनएच के लगातार बंद रहने से उनका व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। मालूम हो यह सड़क देश की सुरक्षा को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सड़क चीन सीमा को जोड़ती है जिसका उपयोग सेना भी करती है।