रुद्रप्रयाग/केदारनाथ – 31 जुलाई को आई आपदा के बाद 26 दिनों में ही केदारनाथ मार्ग घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के सुचारू हो गया है। इस यात्रा मार्ग पर अब घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के साथ ही घोड़े- खच्चरों से राशन एवं अन्य जरूरी सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। इस मार्ग को सुचारु करने में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और मजदूरों की प्रमुख भूमिका रही है।
आपको बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह मार्ग अभी भी संवेदनशील है बरसात के वक्त केदारनाथ मार्ग में कई तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। परेशानियों से बचने के लिए अन्य मार्ग के विकल्प को भी तलाशा जा रहा है और इस पर काम हो रहा है।
उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इस मार्ग को और अधिक दुरुस्त कर लिया जाए। इसके लिए काफी संख्या में मजदूर और एनएच विभाग की मशीने रात दिन राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।