उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय का रास्ता साफ़, विधानसभा सत्र में विधेयक लाने जा रही सरकार।

देहरादून – उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। सरकार इसी महीने गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र में इसके लिए विधेयक लाने जा रही है।

यह विवि आवासीय शिक्षण विवि के साथ एफिलियेटिंग विवि भी होगा। कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को निखारने और खेलों की ओर बढ़ते युवा कदमों को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए खेल विवि की स्थापना का प्रस्ताव है।

विवि में शारीरिक शिक्षा और साहसिक खेलों समेत सभी खेलों में अभिनव वैज्ञानिक तकनीक आधारित कोचिंग, खेल मनोविज्ञान, योग एवं ध्यान, खेल प्रबंधन आदि विधाओं में अध्ययन के साथ ही हैल्थ एंड एप्लाइड स्पोर्ट्स साइंसेज, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलोजी, स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म एंड मास मीडिया टेक्नोलोजी आदि विषय शामिल रहेंगे।

विवि के तहत स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, एमफिल एवं पीएचडी तक की शिक्षा मुहैया रहेगी। खेल विवि की स्थापना गौलापार, हल्द्वानी में स्थापित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को उच्चीकृत कर की जाएगी।

विवि के लिए 35 एकड़ वन भूमि के हस्तांतरण की कार्रवाई
खेल विवि के लिए 35 एकड़ अतिरिक्त वन भूमि के हस्तांतरण की कार्रवाई की जा रही, जिसमें एथलेटिक्स स्टेडियम, प्रशासनिक भवन, हॉस्टल, ऑडिटोरियम आदि का निर्माण किया जाएगा, जबकि यहां पहले से 35 एकड़ भूमि में क्रिकेट स्टेडियम, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, हॉकी एस्ट्रोटर्फ और स्वीमिंग पुल बना हुआ है।

तीन सौ करोड़ का आएगा व्ययभार
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय विधेयक में उच्च शिक्षा समेत कई विभागों की ओर से दिए गए सुझावों को शामिल किया गया है।

खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि उत्तराखंड जल्द ही देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल होगा, जिसका अपना खेल विश्वविद्यालय होगा। इसकी स्थापना से राज्य के युवाओं और खिलाड़ियों को एक नया मंच मिलेगा।

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