गाड़ू घड़ा तेल यात्रा ने बदरीनाथ धाम के लिए किया प्रस्थान, 12 मई को खुलेंगे धाम के कपाट।

चमोली/कर्णप्रयाग – गाड़ू घड़ा तेल यात्रा ने बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। श्री लक्ष्मी- नारायण मंदिर डिम्मर से गाड़ूघड़ा तेल यात्रा आज निकली। 12 मई को धाम के कपाट खुलेंगे। श्रीबदरीनाथ धाम गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 25 अप्रैल की देर शाम नरेंद्र नगर राज दरबार से निकली थी।

11 मई की शाम कई पड़ावों से होते हुए यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।  राजमहल नरेंद्र नगर में परंपरानुसार डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारियों की उपस्थिति में महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और सुहागिन महिलाएं भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए तिलों से तेल पिरोकर चांदी के कलश में रखाप था।

पूजा-अर्चना के बाद राजमहल में तेल का कलश गाडू घड़ा डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारियों को सौंपा गया।

भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजदरबार में पिरोया जाता है। और यह तेल गाड़ू घड़ा में डाला जाता है।

गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना हुई थी। इसके बाद ऋषिकेश पहुंची थी। सात मई को गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित किया गया। 8 को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंची।

9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी व वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी।

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