सिलक्यारा सुरंग में डी-वाटरिंग शुरू करने के लिए श्रमिक और एसडीआरएफ के जवान करेंगे पूर्वाभ्यास।

उत्तरकाशी – सिलक्यारा सुरंग में डी-वाटरिंग शुरू करने के लिए एसडीआरएफ के जवान और श्रमिक पूर्वाभ्यास करेंगे। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल ने डी-वाटरिंग के लिए एसडीआरएफ से सहयोग मांगा है। जिस पर एसडीआरएफ के 15 जवान सिलक्यारा पहुंच चुके हैं। दो से तीन दिन में यहां डी-वाटरिंग का काम शुरू होने की उम्मीद है।

Silkyara tunnel

दरअसल, बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिलक्यारा पोलगांव सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी थी। जिसके चलते सुरंग निर्माण में लगे 41 श्रमिक फंस गए थे। जिन्हें 17 दिन बाद सकुशल बाहर निकाला गया था। हादसे के बाद से सिलक्यारा छोर से सुरंग का निर्माण बंद है। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद निर्माण शुरू करने के लिए सावधानी के साथ कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

इसी क्रम में निर्माण शुरू करने से पहले सुरंग के अंदर रिसाव से जमा पानी को बाहर निकालने के लिए डी-वाटरिंग की जानी है। जिसके लिए होरिजेंटल स्ट्रेंग्थनिंग याने क्षैतिज सुदृढ़ीकरण और ह्यूम पाइप बिछाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।

सबमर्सिबल पंप सेट चालू करवाए जाएंगे
अब ऑगर मशीन से मलबे में डाले गए 800 एमएम पाइप के मलबे के पार वाले छोर के पास दस मीटर तक सुरक्षात्मक कार्य व चढ़ने व उतरने के लिए बेस तैयार किया जाना है। जिसके तैयार होने के बाद ही यहां डी-वाटरिंग शुरू करने की कार्यवाही शुरू हो पाएगी। इसके लिए जिन पाइपों से श्रमिकों को बाहर निकाला गया था, उन्हीं पाइपों से एसडीआरएफ के जवानों व श्रमिकों को अंदर फेजकर सबमर्सिबल पंप सेट चालू करवाए जाएंगे। एसडीआरएफ के निरीक्षक जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण ने बताया कि एसआई सुरेश बिजल्वाण के नेतृत्व में 14 जवान सिलक्यारा में डी-वाटरिंग के लिए पूर्वाभ्यास कर रहे हैं।

एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि डी-वाटरिंग चालू होने में अभी दो से तीन दिन का समय लगेगा। इसके लिए मलबे के पार हुए 800 एमएम पाइप के 10 मीटर तक सुरक्षात्मक कार्य और चढ़ने-उतरने के लिए बेस तैयार करने की योजना है। यह काम होने के बाद ही डी-वाटरिंग शुरू करवाई जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here