देहरादून – अमृत-2 योजना के तहत इंजीनियरों ने परियोजनाओं के गलत आकलन पेश किए। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) आई तो बजट बढ़ा दिया गया। अपर मुख्य सचिव ने इस पर नाराजगी जताते हुए डीपीआर लौटा दी है। अब लापरवाही से प्रस्ताव बनाने वाले इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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दरअसल, अमृत-2 योजना के तहत 19 प्रोजेक्ट करोड़ों की लागत से बनने हैं। एक साल पहले शासन ने इन प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें इंजीनियरों ने सर्वेक्षण के बाद परियोजना पर आने वाली लागत की जानकारी दी थी। इनमें से 17 परियोजना पेयजल निगम और दो जल संस्थान को बनानी हैं।
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बैठक ली तो वह आकलन के मुकाबले 30 से 40 प्रतिशत तक ज्यादा बजट वाली डीपीआर देखकर नाराज हो गए। उन्होंने ऐसे डीपीआर लौटा दी। वहीं, तीन प्रस्ताव ठीक मिले, जो कि बैठक में पास कर दिए गए। इस योजना के तहत छह डीपीआर पहले से तैयार होने के बाद अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने रखे जाएंगे।
पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने कहा कि जिन इंजीनियरों ने लापरवाही से प्रोजेक्ट का सर्वे करके रिपोर्ट दी थी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ डीपीआर संशोधित करने के लिए लौटाई गई हैं।
अमृत-2 योजना के तहत देहरादून के अलावा कई शहरों में सीवर, पेयजल के काम किए जाने हैं। इनकी डीपीआर के काम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। निगम का कहना है कि आगामी कुछ महीनों में यह काम धरातल पर नजर आएंगे।