
देहरादून – मोदी सरकार ने 2017 में देहरादून को स्मार्ट सिटी परियोजना की जो सौगात दी थी वहां भ्रष्टाचार के आरोपों से गिर गई है।
साल 2017 से शुरू हुई स्मार्ट सिटी के कार्यों की रफ्तार इतनी धीमी हो गई है कि कछुआ भी शरमा जाए। यह हम इसलिए कह रहे हैं कि पिछले 5 वर्षों से चल रही 26 योजनाओं का कार्य केवल 10 योजनाएं पूरी हो सका हैं जबकि 10 योजनाओं पर काम पूरे होने की कगार पर है। महत्वपूर्ण यह है कि 12 योजनाओं का निर्माण कार्य जारी है।। मीडिया द्वारा सरकार और प्रशासन को चेताया जाने के बावजूद भी किसी के कानों की जूं तक नहीं रेंग रही। इसको लेकर बीते रोज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक की।
उधर मेयर सुनील उनियाल गामा ने परियोजना में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि इस परियोजना की वित्तीय जांच हो ताकि भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके।
उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से निलंबन और कंपनियों को हटाने जैसे कार्रवाई के बावजूद भी अब तक किसी ठेकेदार पर कोई असर नहीं हो रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस समीक्षा बैठक के बाद कार्यों में तेजी आएगी।
वहीं राजपुर विधायक भी लगातार स्मार्ट सिटी की धीमी रफ्तार पर कई बार खुलकर बोल चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि लापरवाही बरतने वाले अफसरों इंजीनियरों और निर्माणदायी एजेंसियों पर करवाई की जरूरत है। ग्रीन बिल्डिंग जैसे महत्वकांक्षी परियोजना की तो अभी शुरुआत ही नहीं हो पाई है निर्माण कार्यों की रफ्तार काफी धीमी है। हालांकि उन्होंने यह कहा कि मुख्यमंत्री के बैठक के बाद यह रफ्तार तेजी पकड़ेगि।।