सड़कें हुई बंद, जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे ग्रामीण।

चमोली/कर्णप्रयाग – बरसात के मद्देनजर सरकार ने भले ही प्रशासन और विभागों को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिए है। लेकिन एनएच सहित अन्य विभाग अभी भी कुम्भकर्णी नींद में सोए है। जिसके चलते लोगो को अंधेरे में सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है। वही प्रसूता महिलाओं को जान जोखिम में डालकर अस्पताल ले जाया जा रहा है।

मंगलवार को दोपहर लगभग 11 बजे करीब कर्णप्रयाग- रानीखेत नेशनल हाईवे भटोली सिरोली के पास पहाड़ी से चट्टान टूटने से नेशनल हाईवे पूरी तरह से बन्द हो गया था। लेकिन एनएच की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते लोगो को 10 घण्टो तक सड़को पर गुजराना पड़ा।

लोगो का कहना है कि सरकार बरसात को लेकर तमाम दावे जरूर करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सड़क खुलने के लिए लोगो को घण्टो सड़क खुलने का इंतज़ार करना पड़ रहा है। जबकि रात होने पर लोगो को जंगली जानवरों से भी खतरा हो गया है। जबकि इस दौरान न तो कोई दुकान है न प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था की जा रही है।

लोगो के छोटे बच्चे है। बुजुर्ग और प्रसूता महिलाएं हैं जिन्हें सड़क बन्द होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही शनिवार रात्रि की बारिश के चलते कर्णप्रयाग – नेनीसेण मोटर मार्ग फ्लोटा के पास पिछले 3 दिनों से बन्द पड़ा हुआ है। जिससे कि लोगो को जान जोखिम में रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

मंगलवार को जस्यारा गाव की प्रसूता महिला को पैदल पहाड़ी रास्तों से ले जाकर कर्णप्रयाग अस्पताल ले जाया गया। वही सड़क बन्द होने से स्कूली बच्चों, बुजुर्गों को भी आवगमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

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