उत्तराखंड में तेंदुए का खौफ जारी, ग्रामीणों दहशत का माहौल।

उधम सिंह नगर/काशीपुर – जंगलों में अपने खौफ के आतंक से राज करने वाले तेंदुए ने इन दिनों रिहायशी इलाकों को अपने निशाना बना कर छुपे बैठे है। लोगों के पालतू जानवरों को अपने शिकार बना रहा है। शिकारी के हाथों से शिकार होने के डर से लोगो ने अब शाम होते ही घर से निकलना बंद कर दिया है। वन विभाग की टीमें लगातार जनता से अपील कर रही है तेंदुए को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, फिर भी डर से निजात मिलता दिखाई नहीं दे रही है।

उधम सिंह नगर के काशीपुर में काफी लंबे समय से तेंदुए ने अपना आतंक बना रखा है। घर के बाहर टहल रहे थे। गाय के बछड़े को लगातार तेंदुआ अपना शिकार बना रहा है। काशीपुर के कई ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी तेंदुए की दस्तक देखी गई है। तेंदुए की दहशत से ग्रामीणों में काफी डर का माहौल बना हुआ है। शाम होते ही ग्रामीणों ने अब घर से निकलना बंद कर दिया है और जरूरी काम होने पर ही लोग इकट्ठा होकर घर से निकलते हैं, बीते दिनों भी तेंदुए की घर से पालतू कुत्ते अपना शिकार बनाने की वीडियो भी सामने आया था।

द्रोण सागर की दीवार फांद कर भी कई कुत्ते और बछड़े को अपनी निवाला बना चुका है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग भी तेंदुए को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। शाम होते ही वन विभाग की टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में गस्त पर निकल जाती हैं, साथ ही टीम द्वारा लगातार लाउडस्पीकर के माध्यम से जनता से अपील की जा रही है की सतर्क रहें अपने दरवाजों के आगे रोशनी का प्रबंध रखें साथ ही अपना कोई भी पालतू जानवर बाहर ना छोड़े। क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे तेंदुए के आतंक से अब वन विभाग भी चिंतित दिखाई दे रहा है।

वन क्षेत्रीय अधिकारी ललित आर्य ने बताया कि तेंदुए का पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई है।

लगातार लोगों को सतर्क रहने की अपील की जा रही है। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंच जाती है और रात को टीम द्वारा लगातार गश्त काट रही है। जैसे ही उच्च स्तरीय अधिकारियों से कोई भी दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं तत्काल उन निर्देशों का पालन करते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
तेंदुए का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वन विभाग की टीम द्वारा तेंदूए को पकड़ने के रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अब भी वन विभाग की टीमों के हाथ खाली हैं और लोग डर के साए में जीने के लिए मजबूर हैं। आखिर अब देखने वाली बात होगी कि टीमें तेंदुए का रेस्क्यू कब तक कर पाती या फिर अब तेंदुए का आतंक जानवरों के बाद अब इंसानों पर कहर बनकर टूटेगा।

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