उधम सिंह नगर/रुद्रपुर – युगल किशोर पन्त की अध्यक्षता में शनिवार को जनपद में डेंगू एवं वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में डेंगू की रोकथाम हेतु चिकित्सा, पंचायती राज तथा शहरी विकास से सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी आपसी तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मच्छर जनित रोग विशेषकर डेंगू की रोकथाम हेतु प्रभावी उपाय किये जाये।
जिलाधिकारी ने नगर निगम, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि शहर में एडीस एजिप्टी नामक मच्छर न पनपे। उन्होंने शहर में सफाई व्यवस्था को सही रखने, समय-समय पर फोगिंग करने, सभी क्षेत्रों में पानी निकासी की हर संभव व्यवस्था करने, पारषदों के साथ बैठक आयोजित करते हुए पारषदों, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों, सुपरवाईजर के साथ वार्डों का भ्रमण करते हुए जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम्य विकास, पंचायतीरा, चिकित्सा तथा बाल विकास विभाग को आपसी समन्य व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लार्वा पनपने के संभावित स्थानों पर पानी एकत्र न हो, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाये, किसी स्थान पर डेंगू मरीज मिलने पर सम्बन्धित क्षेत्र में तुरन्त टीम भेजकर दवा का छिड़काव और क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जाँच करायें। डेंगू की पुष्टि के लिए सैम्पल को अनिवार्य रूप से लैब में भेजें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि एलाइज़ा टेस्ट के माध्यम से ही डेंगू की पुष्टि की जाये और रेपिड टेस्ट के माध्यम से डेंगू की पुष्टि न की जाये। उन्होंने कहा कि टीमों को जिन क्षेत्रों में लार्वा मिले, लार्वा को तुरन्त नष्ट करने की कार्यवाही की जाये और क्षेत्रवासियों को भी जागरूक किया जाये।
उन्होंने विद्यार्थियों को फुल बाजू वाले कपड़े पहनन के लिए प्रेरित करने, मच्छर के पनपने के संभावित स्थानों के बारे में जागरूक करने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में डेंगू का प्रकोप न हो, इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि डेंगू मरीजों की ट्रेनिंग और त्वरित गति से डाटा साझा करने के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाया जाये।
बैठक में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के स्टेट हैड पंकज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वेक्टर जनित वायरल रोग है जो एडीस एजिप्टी नामक मच्छर के माध्यम से फैलता हैं। यह मच्छर घरेलू वातावरण में एवं आस-पास इकट्ठे साफ पानी में उत्पन्न होता है। डेंगू की रोकथाम हेतु मच्छर एवं लार्वा रोधी गतिविधियां तथा त्वरित जांच एवं उपचार गतिविधियां किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नगर निगम, नगर पालिकाओं के अधिकारियों के साथ ही जनता भी अपने घरों एवं क्षेत्रों में सभी जगह पर साफ सफाई का पूर्ण ध्यान रखें, घरों के आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होने देने एवं पुराने टायर, कबाड एवं कूलर व घरों में प्रयुक्त पानी की टंकियों की साप्ताहिक सफाई करने हेतु साप्ताहिक रूप से गतिविधियां संचालित की जायें।
उन्होंने बताया कि डेंगू के मच्छर की पहचान बताते हुए कहा कि मच्छर पर सफेद धारी होती हैं और मच्छर दिन में की काटता है। उन्होंने बताया कि मादा मच्छर एक बार में 200 अण्डे तक दे सकती है और लार्वा एक साल तक बिना पानी जिन्दा रह सकता है।
उन्होंने बताया कि डेंगू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार का आना, सरदर्द के साथ ही कभी-कभी जोड़ो एवं पूरे शरीर में दर्द रहता है।
उन्होंने बताया कि डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, डेंगू होने पर ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें और ज्यादा आराम करें। उन्होंने बताया कि लक्षण के आधार पर डेंगू के इलाज हेतु डॉक्टर द्वारा दवाइयां दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की सलाह से ही दवाई का सेवन करें।