एफआईआर लिखवाने के लिए एक माह से कभी तहसील तो कभी थाने के चक्कर काट रहा फरियादी।

चमोली – चमोली में राजस्व उपनिरीक्षकों के पुलिस कार्य बहिष्कार के बाद से ही राजस्व क्षेत्रो में आपराधिक मामलों या अन्य घटनाओं सम्बंधित मामलों में फरियादियों को एफआईआर तक लिखवाने में कभी तहसील तो कभी थाने के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

हालांकि पटवारियों के पुलिस कार्य बहिष्कार के बाद जिलाधिकारी चमोली ने आदेश जारी करते हुए राजस्व क्षेत्रो के सभी पुलिस कार्यो को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया। बाद में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था के 12 जुलाई के आदेश के मुताबिक राजस्व क्षेत्रो के सभी पुलिस सम्बंधित मामलों के लिए ज़ीरो एफआईआर थाना क्षेत्रों में ही किये जाने के निर्देश जारी हुए।

बावजूद इसके थराली विकासखण्ड के हरिनगर लेटाल के एक ग्रामीण बीते एक माह से एक एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कभी तहसील तो कभी थाने के चक्कर काट रहे हैं।

दरसल हरिनगर लेटाल के रहने वाले गोविंद राम ने 27 जून को अपनी पुत्री की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई, पर अपनी ही पुत्री के ससुराल पक्ष पर हत्या की आशंका जताते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए तहसील प्रशासन को एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर उपजिलाधिकारी थराली ने थाना थराली को आवश्यक कार्यवाही और एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए, लेकिन अब एक माह बीतने पर भी न तो गोविंद राम की अर्जी पर एफआईआर दर्ज हो सकी और न ही प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही।

पीड़ित गोविंद राम अब भी एफआईआर और कार्यवाही के लिए तहसील और थाने के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

गुस्साए ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच हेतु जल्द एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एफआईआर दर्ज करने में अब इसी तरह की लीपापोती की गई तो ग्रामीण अनशन के लिए बाध्य होंगे।

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