जमीन फर्जीवाडा : उत्तराखंड के दो आईएएस एक आईपीएस की हिली कुर्सियां, क्या कहा सीएम ने जानिए…

देहरादून – नोएडा से देहरादून तक उस समय हलचल मच गया जब चर्चित गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर से जुड़ी कार्रवाही में नोएडा स्थित करोड़ों रुपयों की जमीन के लिंक उत्तराखंड में तैनात आईएएस आईपीएस के परिवार से जुड़ गए। यूपी सरकार के निर्नेदेश पर यूपी पुलिस ने एक्शन लेते हुए 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामला वर्ष 2012 से शुरू हुआ जिसमें नोएडा के चिटहेरा गांव में दलितों व अन्य समाज के लोगों की पट्टे की जमीन पर जबरदस्ती अनुबंध कराए गए बाद में फर्जी कागजातों के आधार पर इन्हें दूसरे लोगों के नाम पर बैनामा करा दिया गया।

उत्तर प्रदेश के नोएडा के दादरी थाने में 1 रोज पहले गैंगस्टर एवं भू माफिया यशपाल तोमर और एक महिला समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि एक आरोपी उत्तराखंड में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के ससुर है और दूसरे वरिष्ठ आईएएस के पिता। जबकि एक अन्य आरोपी आईपीएस अधिकारी का सगा संबंधी बताया जा रहा है।  इसके साथ ही मुकदमे में शामिल एक कंपनी उत्तराखंड के पूर्व सीएम के रिश्तेदार की भी बताई जा रही है। जिसके नाम 100 बीघा जमीन दर्ज है। पूरा मामला नोएडा के चिटहेरा गांव में सैकड़ों करोड़ की भूमि घोटाले का है जिसमे अब जांच शुरू होने के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

जिन तीनों नौकरशाहों के परिजनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। वह अलग-अलग समय में हरिद्वार में विभिन्न पदों में रह चुके हैं। गैंगस्टर यशपाल तोमर का धंधा उस वक्त हरिद्वार में फल फूल रहा था। हरिद्वार में उसकी जमीनों की खरीद-फरोख्त का धंधा था, वह लोगों को झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जमीनें हड़प लेता था। माना जा रहा है कि इसी दौरान ही यशपाल तोमर ने इन नौकरशाहों के परिजनों के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम किया था। उत्तराखंड में इस पुरे प्रकरण को लेकर अब सियासत भी गर्म होने लगी है। भाजपा कांग्रेस एक दुसरे पर आरोप लगाते हुए कार्यवाही को लेकर सवाल खड़े कर रही है। भाजपा जहाँ जीरो टॉलरेंस वाली सरकार की कार्यवाही बताकर अपनी सरकार का बचाव कर रही है। तो वहीँ कांग्रेस इस पुरे मामले में कई सवाल खड़े कर रही है।

देवेन्द्र भसीन, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी

गरिमा द्सोनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा की इस पुरे पर प्रकरण पर उत्तराखंड पुलिस भी नजर बनाये हुए है। जिसमे अभी तक यही कहा जा सकता है कि मामला नोएडा का है, और कार्यवाही भी उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही है।

अशोक कुमार, डीजीपी

उत्तराखंड के ब्यूरोक्रेट्स के कनेक्शन मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मामला उत्तर प्रदेश का है और इस मामले में कानून अपनी कार्रवाई कर रहा है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

एम भास्करण, के एम संत , सरस्वती देवी, त्रिदेव कंपनी , कर्मवीर, यशपाल तोमर आदि ऐसे नाम है जिनका जिक्र यूपी पुलिस की दर्ज की गयी ऍफ़ आई आर में शामिल है। योगी सरकार की सख्ती का असर उत्तराखंड में दिखना लाज़मी है। जिन अधिकारियों के सगे सम्बन्धियों के नाम एफ आई आर में आये है, वो सब हरिद्वार में भी तैनात रहे है। उन पर गैंगस्टर को फायदा पहुचाने की शह हो सकती है। ऐसे में धामी सरकार भी किन प्वाइंट को ध्यान में रख कर आगे रुख अपनाएगी ये देखना होगा क्योंकि गैंगस्टर यशपाल तोमर पर क़ानूनी शिकंजों की शुरुआत हरिद्वार से ही हुईं थी।

गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार में 2002 में मुठभेड़ का मुकदमा चला था.. 2012 में उसके सभी मुकदमों की जांच खुली ..उस पर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही शुरू की गई।

गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे के चलते 153 करोड़ की भूमि उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कुर्की की,  इसके बाद मेरठ प्रशासन ने उसे भूमाफिया घोषित किया ।

उत्तराखंड में पूर्वर्ती हरीश रावत सरकार ने भी 2015-16 में बेनामी संपत्ति कानून बनाया था, जो राज्य में लागू नहीं हो पाया था,

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here