
अल्मोड़ा- जिला अल्मोड़ा के रानीखेत नगर में अब मेलों की परंपरा बढ़ाने की जरूरत दिख रही है… कभी यहां लगने वाला शिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी के मेले रानीखेत की शान होते थे…साथ ही शिवरात्रि मेले में कभी यहां लोक कलाकारों की धूम रहती थी… नगाड़े निशानों के साथ छोलिया नृत्य, झोड़ा, चांचरी और भगनौल गाते हुए गायक मेले को चार चांद लगा देते थे, लेकिन इस शिवरात्रि पर रानीखेत बाजार में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया…इस मामले पर बुजुर्ग बताते हैं कि 1990 की दशक में शिवरात्रि मेला नगर की शान हुआ करता था…साथ ही कई बड़े लोकगायक और कलाकार यहां आकर मेले में चार चांद लगा देते थे, लेकिन बाद के वर्षों में लोगों का परस्पर सहयोग न मिल पाने के कारण यह मेला पूरी तरह से बंद हो गया…जिसके बाद अब यहां शिवरात्रि पर्व के दिन बाजार में सन्नाटा पसरा रहा…हालांकि, शिव मंदिर कमेटी की तरफ से शिव मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, जबकि चिलियानौला नगर पालिका, मजखाली, ताड़ीखेत, द्वाराहाट के विमांडेश्वर आदि स्थानों पर मेलों की परंपरा फिर भी जीवित है…





