
अल्मोड़ा – जिला अल्मोड़ा में एक तरफ सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक की उम्मीद करती है, वहीं दूसरी तरफ जिला मुख्यालय में नियमित खेल प्रशिक्षक तक नहीं हैं… जिसको लेकर हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ी बिना कोच के खेल रहे हैं…ऐसे में उन्हें खेलों का तकनीकी ज्ञान नहीं मिल रहा है…जिसके चलते खेल प्रतिभाएं ठीक से नहीं नीखर पा रही हैं…ऐसे में सवाल यह है की बगैर कोच के इन खिलाड़ियों का मेजर ध्यानचंद बनने और पदक जीतने का सपना कैसे पूरा होगा?
दरअसल, जिला खेल विभाग की ओर से हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबाल, क्रिकेट, टेबल टेनिस, वॉलीबाल, फुटबाल, भारत्तोलन, हॉकी, कबड्डी, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, बेसबाल आदि खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है…और इन खेलों में स्टेडियम में करीब 300 के खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं लेकिन खेल विभाग में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का एक भी नियमित कोच नहीं है… यहां केवल जिला क्रीड़ा अधिकारी, उप क्रीड़ा अधिकारी ही नियमित हैं…आपको बता दें कि विभाग में खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण देने के लिए शासन की ओर से 15 अप्रैल से 15 फरवरी तक सिर्फ 10 माह के लिए संविदा खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, 15 फरवरी को संविदा खेल प्रशिक्षकों का कार्य काल पूरा हो गया है…और अब खिलाड़ी बगैर कोच के ही खेल रहे हैं… इससे स्टेडियम में खेलने आने वाले खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है…





