
अगर दिली इच्छा लंबे समय से पूरी नहीं हो पा रही है और सभी उपाय व्यर्थ हो रहे हैं तो आपका इंतजार खत्म होने जा रहा है। दरअसल 9 नवंबर 2017 की दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर एक ऐसा योग बनने जा रहा है जो वर्ष में मात्र 2-3 बार ही आता है लेकिन अगर इस योग को सही समय पर इस्तेमाल में लाया जाए तो दिल की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
9 नवंबर को ‘गुरु पुषय नक्षत्र’ लग रहा है यह एक ऐसा खास ज्योतिषीय योग है जिस दौरान गुरु ग्रह का का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश होता है। इस नक्षत्र में देवगुरु बृहस्पति के आ जाने से यह समय अत्यंत प्रभावशाली बन जाता है।
शुभ कार्यों के लिए एक दम सही समय
महान ज्योतिषियों की मानें तो गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत कम बनता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन ही पड़े तभी यह योग बनता है। यह योग एक साधक के लिए बेहद शुभ माना जाता है लेकिन अन्य लोग भी इससे कई लाभ पा सकते हैं।
बृहस्पति देव की पूजा
देवगुरु बृहस्पति की अराधना के अलावा इस दिन महालक्ष्मी की उपासना भी की जाती है। ऐसी मान्यता है कि धन की देवी इस अत्यंत शुभ योग में अपने भक्त पर कृपा बरसाती हैं। इसके अलावा इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार की पूजा कर्म फलदायी ही सिद्ध होता है।
बता दें कि 9 नवंबर की दोपहर 1.39 पर लगने वाला यह गुर-पुष्य योग पूरी दोपहर, शाम, रात और अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा। अगले दिन शुक्रवार को सूर्य उदय होते ही यह योग समाप्त हो जाएगा।
ऐसे मिलेंगे लाभ
ज्योतिषों का कहना है कि इस गुरु-पुष्य योग में शनि की महादशा रहेगी, कुंभ लग्न का उदय रहेगा, चंद्रमा कर्क राशि पर राहु के साथ विद्यमान रहेंगे और सूर्य एवं बृहस्पति भी उच्च स्थान पर होंगे तथा राजयोग बनाएंगे। जातकों को शनि की दशा का अच्छा प्रभाव मिलेगा। इस दौरान गुप्त शक्तियों को भी प्राप्त करने के लिए साधना बड़ी फलदायी रहेगी।
राशि के अनुसार ही उपाय करें
मेष राशि
इस राशि के जातकों के लिए यह समय दाम्पत्य सुख दिला सकता है। इस प्रकार करें उपाय-एक साबुत हल्दी के सात टुकड़े करके पूरी रात जल में रहने दें। सुबह जब 10 तारीख लग जाए तो इस जल को छानकर नहाने के जल में मिलाकर नहाएं। हल्दी के शेष को किसी डिब्बी में भरकर रख लें।

वृषभ राशि
गुरु पुष्य योग आपके लिए गुप्त शत्रु खत्म करने का मौका लाया है। उपाय- पीपल की छोटी सी लकड़ी में पीला धागा बांधकर 9 नवंबर की दोपहर 1.39 के बाद किसी भी समय अपने बाजू में बांध लीजिएगा।
मिथुन राशि
धन की चिंता दूर करने का वक्त है। उपाय – घी का दीपक जलाकर “ॐ ह्रीं श्री नमरू” का कम से कम एक माला जाप करें।
कर्क राशि
मानसिक चिंता दूर करने का दिन है। उपाय – बरगद के पत्ते को तोड़ेंगे तो दूध निकलेगा, उसे निकालकर ले आएं। 9 नवंबर की दोपहर 1रू39 के बाद अपने माथे के दोनों बगल, कान के ऊपर मल लें।
सिंह राशि
परिवार में विवाद खत्म करने का समय है। उपाय- इस दिन घर पर खीर बनाएं, “ॐ ब्रं बृहस्पतय नमरू” मंत्र का जाप करते हुए उसमें दूर्वा घुमाएं। इसके बाद इस खीर को खा लें और अगले दिन सूर्योदय होने तक कुछ और ना खाएं।
कन्या राशि- कानूनी अढ़चनों को दूर करना है तो यह गुरु पुष्य योग आपके लिए उत्तम समय साबित होगा। उपाय – एक ईंट पर हल्दी से “ॐ ब्रं बृहस्पतय नमरू” लिख करके ईंट को किसी मंदिर में जाकर रख आएं।
तुला राशि
जॉब प्रमोशन या कॅरियर में तरक्की के लिए करें ये उपाय – एक तांबे का सिक्का लाकर रख लें। 9 नवंबर की दोपहर 1:39 के बाद अपने बॉस से “ॐ ब्रं बृहस्पतय नमरू” का जाप करते हुए प्रमोशन की बात करें।
वृश्चिक राशि
यह समय परिवार में सामंजस्य बिठाने और हर दिक्कत को दूर करने का है। उपाय – एक कटोरी में सरसों का तेल और एक चुटकी हल्दी डालें। 9 नवंबर में दोपहर 1:39 के बाद सुंदरकांड का पाठ करें। इसके बाद कपूर की टिकिया उस तेल में डालकर जलाकर पूरे घर में घुमाएं। घर का हर क्लेश समाप्त होगा।
धनु राशि
यह समय अपनों को अपने पास लाने का है। उपाय – एक सात बिलांग का पीला धागा ले लीजिएगा। 7 गांठ लगाकर अपनी दाहिनी मुट्ठी में बंद करके “ॐ ब्रं बृहस्पतय नमरू” का जाप करें और इसके बाद इसे अपने गले में पहन लें। तब तक इसे पहन कर रखें जब तक इस प्रकार की कोई दिक्कत जीवन से समाप्त नहीं हो जाती।

मकर राशि
परिवार में एकता कायम करने के लिए उपाय करें – सात सबुत उड़द हल्दी में रंग लें और किसी पात्र में रख लें। 9 नवंबर दोपहर 1:39 के बाद पूरे घर में छिड़क दें।
कुंभ राशि
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उत्तम समय है यह गुरु पुष्य योग। उपाय इस प्रकार है – 7 छुआरे लेकर सब पर हल्दी का तिलक कर दें। इसके बाद “ॐ ब्रं बृहस्पतय नमरू” या “ॐ नमरू भगवते वासुदेवाय” भी जप सकते हैं। अंत में छुआरों का सेवन कर लीजिए।
मीन राशि
यह स्थिति पति-पत्नी में आपसी सामंजस्य बनाने का उपाय करने की है। परिवार की सुख शांति मांगें। उपाय – एक छोटा-सा ईंट का टुकड़ा शहद में डिबोकर मंत्र का जाप करते हुए किसी ताबीज में डालकर अपने गले में पहन लें।