प्रदूषण को लेकर अब ये होगा आपके शहर में जानिए…

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नई दिल्ली: दिवाली पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर करीब 21 गुना बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उततर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाने पर प्रतिबंध लागू करने को लेकर तलब किया है.

फैसला ऐसे दिन आया है जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता पर अपनी रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार दिवाली के दिन 30 अक्तूबर को सभी 11 प्रदूषण निगरानी केंद्रों पर प्रदूषणकारी तत्व पीएम 2.5 का स्तर एक सप्ताह पहले 24 अक्तूबर की तुलना में चार गुना से 21 गुना तक अधिक था.

उदाहरण के लिए पिछले सप्ताह की तुलना में पीतमपुरा में पीएम 2.5 का स्तर 20.63 गुना अधिक दर्ज किया गया, वहीं पूर्वी दिल्ली के परिवेश भवन केंद्र में पीएम 2.5 का स्तर 11.4 गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया.

पीएम 2.5 की स्वीकार्य सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होती है. उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा में दिवाली के दिन यह स्तर 1238 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.

जनकपुरी में पीएम 2.5 का स्तर 8.7 गुना अधिक और आईटीओ पर यह स्तर 7.6 गुना ज्यादा था. इसी तरह दिवाली के दिन पीएम 10 का स्तर पिछले हफ्ते की तुलना में डेढ़ से चार गुना अधिक रहा. उदाहरण के लिए आईटीओ पर दिवाली पर पीएम 10 का स्तर पिछले सप्ताह की तुलना में 4.3 गुना अधिक रहा.

पिछले साल की तुलना में इस दिवाली पर पीएम 2.5 का स्तर दो से साढ़े चार गुना तक अधिक और पीएम 10 का स्तर डेढ़ से तीन गुना तक अधिक है.

पर्यावरण मंत्रालय ने प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए चार प्रमुख कारकों को जिम्मेदार ठहराया है. मंत्रालय की एक रिलीज के अनुसार, ‘‘देखा गया है कि दिल्ली में और इसके आसपास ठोस कचरे को खुले में जलाना, दिल्ली में वाहनों का यातायात, दिल्ली में सड़क किनारे और निर्माण स्थलों के पास उड़ती धूल तथा दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में फसलों की बची पराली या ठूंठ को जलाना दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारक हैं.’’ इसी अनुसार पांच राज्यों – पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को पराली जलाने पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के क्रम में तलब किया गया है.

प्रेस रिलीज के अनुसार, ‘‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने खेतों में खुले में पराली जलाने के मामलों को कम करने की रणनीति पर आगे विचार विमर्श के लिए और हालात की समीक्षा करने के लिए चार नवंबर को संबंधित सचिवों को तलब किया है.’’ यह निर्णय भी लिया गया है कि सीपीसीबी दिल्ली में और इसके आसपास स्थानीय निकायों को ठोस कचरे को खुले में जलाने पर रोक लगाने का निर्देश देगा.

निर्माण गतिविधियों से गैस उत्सर्जन रोकने, सड़क किनारे पानी छिड़ककर धूल उड़ने की संभावना को कम करने और वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण के संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी.

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