दिल्ली: परमाणु कार्यक्रम के विस्तार के तहत केंद्र उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब में परमाणु संयंत्र (न्यूक्लियर रिएक्टर) लगाने के लिए जगह तलाश रहा है। साथ ही दबावयुक्त भारी जल संयंत्रों (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्यात पर भी विचार कर रहा है।
देश में कुल 22 संयंत्रों में राजस्थान के पास छह संयंत्र हैं, जबकि यूपी स्थित नरोरा में दो हैं। शेष पश्चिमी और दक्षिणी भारत में स्थित हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘हम अन्य स्थानों पर भी ऐसे संयंत्र लगाना चाहते हैं। जिनमें देहरादून, पटियाला के अलावा हरियाणा में भिवानी के पास भी जगह की तलाश कर रहे हैं।’
एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ज्यादातर परमाणु ऊर्जा का उत्पादन महाराष्ट्र और तमिलनाडु तक सीमित है। दो सालों में इस दिशा में काफी काम हुआ है।
गौरतलब है कि परमाणु ऊर्जा विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन है। इस बीच सार्वजनिक कंपनी न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन (एनसीपीआईएल) और परमाणु ऊर्जा विभाग राजस्थान में दो और हरियाणा में चार संयंत्र लगाने जा रहा है।
परमाणु नियंत्रण एवं योजना विंग के प्रमुख रंजीत कुमार ने कहा कि भारत पीएचडब्ल्यूआर के निर्यात पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस स्थिति में है कि सस्ते और प्रभावी कीमत चाहने वाले देशों को पीएचडब्ल्यूआर तकनीक दे सके।