नैनीताल – एसटीएफ की साइबर पुलिस ने 18 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 47 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में नैनीताल निवासी पीड़ित की शिकायत पर एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सएप और स्काइप के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में फंसाने की धमकी दी और इसके बाद धोखाधड़ी कर पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
पीड़ित ने दिसंबर 2024 में साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया कि उन्हें अज्ञात नंबर्स से व्हाट्सएप और स्काइप पर कॉल कर यह कहा गया कि उनके आधार कार्ड से अवैध लेनदेन किया गया है और इस मामले में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। इसके बाद पीड़ित से डिजिटल अरेस्ट करके करीब 47 लाख रुपये की राशि धोखाधड़ी से जमा करवा ली गई।
पुलिस ने घटना के समय में उपयोग किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप डेटा और संबंधित बैंकों से प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोपी अमन कुशवाहा को आगरा से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किया गया है।
आरोपियों का तरीका: आरोपियों ने पीड़ित को आरबीआई और सीबीआई के नाम से फर्जी नोटिस भेजे और डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर उन्हें झांसा दिया। इस दौरान पीड़ित से फर्जी बैंक खातों में धन ट्रांसफर करवाया गया। इसके बदले में पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग के केस से बचाने और पैसा वापस लौटाने का झांसा दिया गया।
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि साइबर पुलिस पूरे देश में अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है और आरोपी के खिलाफ जांच जारी है। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी के खाते में एक महीने से भी कम समय में लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है, और उसके खिलाफ देश के कई राज्यों में तीन साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं।
#CyberCrime #DigitalArrest #Fraud #STF #Dehradun #CyberPolice #Nainital #MoneyLaundering #WhatsAppFraud #Agra #UP #SUSpectArrest #FraudCase #OnlineFraud #CyberFraud