बड़ी खबर : सहारा कंपनी के मालिक सहारा श्री सुब्रत रॉय की पूरी जिंदगी एक फिल्मी कहानी जैसी है…सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में हुआ. शुरुआती पढ़ाई उन्होंने कोलकाता में की थी. बाद में यूपी के गोरखपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. सहाराश्री ने अपने करियर की शुरुआत भी गोरखपुर से ही की थी. वो पढने में कुछ खास अच्छे नहीं थे, लेकिन उनका दिमाग दूसरी चीजों में ज्यादा चलता था.
2 हजार रुपये से की थी शुरुआत
साल 2010 तक सहारा की कुल संपत्ति करीब 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये के करीब थी और 10 लाख लोग उनकी कंपनी में काम करते थे 1978 में सहाराश्री ने महज 2 हजार रुपयों से अपने बिजनेस की शुरूआत की थी. जमापूंजी के नाम पर एक स्कूटर भी थी उनके पास. लोगों से उन्होंने धन जुटाने का काम शुरू किया।
समाज के कमजोर तबके के लोगों से वो 1 रुपये से 20 रुपये तक जमा करते थे. फिर उन्होंने गोरखपुर में ही ऑफिस खोल लिया, कर्मचारियों के नाम पर एक बंदा था जो पैसे कलेक्ट करता था दूसरा अकाउंटेंट था. सहाराश्री खुद भी जाकर क्लाइंट से पैसे जमा किया करते थे.
सुब्रत रॉय ने स्वप्ना रॉय से प्रेम विवाह किया, एक इंटरव्यू में सहाराश्री ने कहा था कि उन्होंने स्वप्ना को घर की छत पर प्रपोज किया था. वो ये भी बता चुके हैं कि उनकी अंग्रेजी कमजोर थी. लेकिन स्वप्ना अंग्रेजी में लेटर लिखती थीं. ऐसे में सुब्रत रॉय ने भी अंग्रेजी में लंबे लंबे खत लिखना शुरू कर दिया था
1990 में सुब्रत रॉय लखनऊ चले गए
साल 1990 में सुब्रत लखनऊ चले गए और यही शहर सुब्रत रॉय के सहारा इंडिया परिवार का मुख्यालय बन गया. यहाँ सहारा ने लगभग 170 एकड़ में फैले हुए सहारा सिटी का निर्माण किया. धीरे-धीरे समूह का व्यापार बढ़ने लगा और सहारा ने कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बना ली.
खेल में भी काफी रूचि
सहारा श्री खेल में काफी रूचि रखते है, सहारा इंडिया भारतीय क्रिकेट टीम और हॉकी टीमों का प्रायोजक भी रहा है आईपीएल में ‘पुणे वॉरियर्स इंडिया’ की टीम भी सहारा के पास थी फिर बीसीसीआई से विवाद के चलते सहारा समूह ने इसे छोड़ दिया. सुब्रत फार्मूला वन के एक टीम ‘द सहारा फ़ोर्स इंडिया फार्मूला वन टीम’ के मालिक है.
फिलहाल मुश्किल में सहारा
सहाराश्री और उनकी कंपनी सहारा इंडिया परिवार फिलहाल मुश्किल में है. साल 2009 से ही सहारा सेबी के निशाने पर हैं उनपर रियल एस्टेट में निवेश करने वाले निवेशकों को पैसा नहीं लौटाने का आरोप है. इस आरोप में उन्हें जेल में भी रखा गया. सहाराश्री और उनके शुभ चिंतक भी इसे बुरा वक्त मानते हैं लेकिन उन्हें यह विश्वास है कि वो इससे जरूर उभर कर वापसी करेंगे.