11 साल बाद दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार आरजेडी नेता शाहबुद्दीन आज सुबह जेल से रिहा हो गया। शहाबुद्दीन की भागलपुर जेल से रिहाई हुई. राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक भी शहाबुद्दीन की अगवानी के लिए पहुंचे थे.
जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में शहाबुद्दीन ने कहा कि वह अपनी छवि नहीं बदलना चाहता है. जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया. उन्होंने कहा, ‘लालू यादव ही हमारे नेता हैं. मुझे उनके ही छत्रछाया में रहना है. मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? मैं जैसा हूं, 26 साल तक लोगों ने मुझे इसी रूप में स्वीकार किया है. सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया था. कोर्ट ने मुझे जेल भेजा और अब कोर्ट ने ही मुझे आजाद किया है.
शहाबुद्दीन ने कहा कि वह सबको खुश नहीं कर सकता
एक खास परिवार के दहशत में होने के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में शहाबुद्दीन ने कहा कि वह उन्हें नहीं जानता है. इसके साथ ही उसने कहा कि 22 लाख लोग इस शहर में रहते हैं और सबको वह खुश नहीं कर सकता. लेकिन, उसकी रिहाई से खुश होने वालों की संख्या काफी ज्यादा है.
बाहुबली के अपराध की कहानी
शहाबुद्दीन के अपराध की कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी. इस घटना के बाद शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई. थप्पड़ मारने वाले शहाबुद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की. इस दौरान शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच गई घंटों तक गोलीबारी हुई. इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. तभी से उन्हें एक बाहुबली के रूप में पहचाना जाने लगा.