अब तेजी से सुलझेंगी पहाड़ की समस्याएं ,इन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने जाना पहाड़ का हाल
देहरादून। विधानसभा सत्र में गैरसैंण गए अधिकारियों ने पहाड़ की समस्याओं से रूबरू होने के लिए एक नया फार्मूला इजाद किया। वह फार्मूला क्षेत्र की समस्याओं को स्थलीय निरीक्षण के माध्यम से परखना था। उत्तराखंड के लगभग एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों ने करके दिखाया। वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में स्वर्गीय डॉ. आरएस टोलिया तथा पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार ही उत्तराखंड की समस्याओं के विशेष जानकार माने जाते है, लेकिन अब उत्तराखंड के लगभग एक दर्जन अधिकारी इसी श्रेणी में शामिल हो गए है। जो गए तो थे विधानसभा सत्र में, लेकिन अवकाश के दिनों में पहाड़ की समस्याओं को समझने के लिए इन्होंने एक योजना बनाई। पहाड़ के दर्द को समझने के लिए पहाड़ जैसे खतरनाक रास्तों पर पैदल चलने का काम इन आईएएस अधिकारियों ने किया, वह भी पगडंडी मार्ग जहां कभी, कोई भी घटना घट सकती है, लेकिन क्षेत्रवासियों की समस्याओं से रूबरू होने के लिए इन आईएएस अधिकारियों ने 10 किलोमीटर की यात्रा कर बेनीताल पहुंचे जो सुरम्य स्थल तो है ही, अब तक पर्यटन के नक्शे नहीं जुड़ा है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की योजना के अनुसार पहाड़ के दर्द को पहाड़ का जीवन जिये बगैर नहीं समझा जा सकता, इसीलिए मुख्य सचिव ने इन अधिकारियों से आग्रह किया कि वह पर्वतीय जीवन के बारे में पै्रक्टिकल करके समझे तथा उनके समस्याओं को समझने के लिए यह अभियान चलाया।
रविवार के दिन विधानसभा सत्र नहीं चलता है, इसीलिए इन अधिकारियों ने मुख्य सचिव के आदेश के पालन के लिए बेनीताल जाने का मन बनाया और आईएएस अधिकारी आम आदमी की तरह पहाड़ की पगडंंडिया नापने चल पड़े। इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे थे जिन्होंने सेवा में आने से पहले कभी पहाड़ नहीं देखा था। यह बात अलग है कि उत्तराखंड में आने और पर्वतीय क्षेत्रों में पोस्टिंग होने के बाद इन लोगों ने पहाड़ के बारे में समझना प्रारंभ किया। वरिष्ठ आईएएस होने के नाते सभी आईएएस अधिकारी वर्तमान में देहरादून में ही रहते हैं। ऐसे में इन लोगों का पहाड़ चढ़ना इस बात का संकेत है कि अब पहाड़ की समस्याएं पहाड़ जैसी विशाल नहीं रह पाएंगी। हालांकि यह यात्रा पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण आंकी जा रही है। इसमें बेनीताल को पर्यटन के मानचित्र पर लाना तो प्रमुख है ही पहाड़ के गांवों में पर्यटकों को कैसे पहुंचाया जाए, यह भी इस यात्रा के पीछे मूलमंत्र है। इन आईएएस अधिकारियों की यह पैदल यात्रा एक साथ कई समस्याओं के समाधान का माध्यम बनेगी। क्षेत्र की समस्याओं को नजदीकी से जानने के साथ-साथ पहाड़ के ग्रामीणों की आवागमन की समस्या से भी रूबरू हुए। जिसका लाभ पर्वतीय क्षेत्रों को मिलेगा।
इस दल में जो आईएएस अधिकारी शामिल थे, उनमें प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव आनन्दवर्धन, सचिव अमित नेगी, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, सचिव सूचना डॉ. पंकज कुमार पांडे, सचिव, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी तथा मुख्य वन संरक्षक रणवीर सिंह तथा अन्य अधिकारियों के नाम शामिल है, जो इस योजना का अंग बने।