शैली श्रीवास्तव-11 अगस्त को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। शनिवार का दिन होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है, इसलिए बेहद दुलर्भ संयोग है। ग्रहण का तीन राशियों पर बुरा असर रहेगा और शनि दोष भी, तो बचने को करें ये सब उपाय।ज्योतिष केंद्र कहते हैं कि शनिवार को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा और कुल 3 घंटे 30 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का सूतक काल 10 अगस्त की रात को 12 बजे के बाद 1 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगा। पिछले सूर्यग्रहण की तरह यह इस बार भी ग्रहण आंशिक होगा। आखिरी सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, पर पड़ोसी देश चीन के अलावा यह नॉर्थ अमेरिका, नॉर्थ पश्चिमी एशिया, साउथ कोरिया और मॉस्को में भी देखा जा सकेगा। बेशक ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, तो सूतक का असर भी न के बराबर होगा, लेकिन इसका राशियों पर काफी असर पड़ेगा। यह तीन राशियों के लिए अशुभी और बाकी सभी के लिए शुभ। सूर्यग्रहण कर्क राशि में होने जा रहा है जो 4 राशियों मेष, मकर, तुला और कुंभ राशि के लिए शुभ फलदायी रहने वाला है।कर्क राशि में ग्रहण होने से कर्क के अलावा, मिथुन और सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ नहीं है, इन्हें कष्ट हो सकता है। इन राशियों के जातकों सेहत का ध्यान रखना चाहिए और धन खर्च को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए।बीरेंद्र नारायण मिश्र बताते हैं कि ग्रहण के साथ-साथ 11 अगस्त को शनिवार के दिन अमावस्या होने से यह शनिश्चरी अमावस्या पड़ रही है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। ऐसे में शनि और पितृ दोषों से मुक्ति के लिए यह अच्छा समय है।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन शास्त्रों में बताए गए उपायों को करने से शनि की साढ़ेसाती आदि के प्रभाव कम होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शनि के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ या सामान्य मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करने से शनि और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे काली बाती बनाकर सरसों तेल का दीप जलाएं। पीपल को जल और काली चिंटियों गुड़ दें तो शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। पीपल के पत्तों पर मिठाई रखकर पितरों का ध्यान करें तो पितृदोष भी दूर होता है। शनि दोष से मुक्ति के लिए शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है। इसके साथ आप शमी के पेड़ की भी पूजा कर सकते हैं। इस दिन घर में शमी का पेड़ लगाना भी शुभ फलदायी रहेगा।महाबलि हनुमानजी की स्तुति से भी लाभ मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमानजी ने शनिदेव को लंकापति रावण की कैद से मुक्त कराया था। ऐसे में लगातार कैद में रहने से उन्हें काफी पीड़ा हो रही थी तो हनुमानजी ने उनके शरीर पर तेल का लेप लगाया, जिससे शनिदेव को काफी राहत मिली। इसलिए हनुमानजी की पूजा करने से शनि दोष से हो रही पीड़ा से भी शांति मिलती है। तभी से शनिवार के दिन तेल चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव की कुदृष्टि कभी नहीं झेलनी पड़ती है।शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करने से भी लाभ होता है। उसे रोटी खिलाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और इसे जरूरतमंदों में बांट दें, इससे ग्रहण का दान और शनि के उपाय दोनों हो जाएंगे। इस उपाय से शनि के साथ पितृगण भी खुश होंगे।