
देहरादून। धुमाकोट हादसा सरकार के लिए समस्या का कारण बन रहा है। इस मामले को सरकार पर लीपापोती का आरोप लग रहा था लेकिन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट इस मामले में साफ राय रखते हैं। उनका कहना है कि हमे ऐसी हेली कपंनियों की कोई जरूरत नहीं है जो अवसर पर काम न दें। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को मीडिया से चर्चा कर रहे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि सड़क हादसे के समय अपनी सेवाएं देने से इंकार करने वाली हैली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि प्रदेश को ऐसी हेली कंपनियों की सेवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है जो आपदा के वक्त भी काम न आ सके। उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में सरकार से आग्रह करेंगे कि सेवाएं देने से इंकार करने वाली हेली कंपनियों का अनुबंध रद किया जाएं और उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएं।
धुमाकोट में हुई घटना के बाद एसडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल पर ले जाने के लिए इन हेली कंपनियों को कहा गया था लेकिन अधिकारियों ने इससे इंकार कर दिय था। जिन कंपनियों ने सेवाएं देने से इंकार किया था अब उन पर सरकार की निगाहें टेढ़ी हैं। और इसका संकेत आज अजय भट्ट की नाराजगी से मिलता है। सहस्त्रधारा हेलीपैड पर घटना वाले दिन एसडीआरएफ की टीमों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा था। धुमाकोट हादसे में 48 लोगों की मौत हो गई थी तथा मानवीय आधार पर इन हेली कंपनियों को ऐसे वक्त में सेवा देने से इंकार नहीं करना चाहिए था। मुख्यमंत्री इस दुुर्घटना के बाद कमिश्नर और डीआईजी तक को उनके पद से हटा चुके हैं। उसके साथ ही एसएसपी और थानाध्यक्ष व लोनिवि के इंजीनियरों तक पर कार्यवाई की जा चुकी है। लेकिन इस दुर्घटना के असल जिम्मेदारों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिसे लेकर कई सवाल खडे़ किए जा रहे हैं।




