चमोली/कर्णप्रयाग – चमोली जनपद की हेलंग की घटना का आक्रोश सोशल मीडिया से सड़कों पर आ गया है। मामला 15 जुलाई का है, जिसमें चमोली के हेलंग में घास लाती महिलाओं से जबरदस्ती घास का गट्ठर छिनने और उन्हें घंटो पुलिस की गाड़ी में रखने के बाद उनका चालान करने किए जाने की घटना को लेकर मंगलवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश जताया।
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों ने मुख्य बाजार में जमकर प्रदर्शन किया और 24 जुलाई को हेलंग जाकर उन महिलाओं के प्रति अपना समर्थन प्रकट करेंगे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल विधुत परियोजनाओं के नाम पर पहाड़ो में बड़ी बड़ी कम्पनियों ने अपना अधिकार कर दिया है।
जल विधुत परियोजनाओं में लगी कम्पनी द्वारा जिस भूमि पर खेल मैदान बनाए जाने की बात कही जा रही वह भाग गाँव की महिलाओं की चारापत्ती लाने का एकमात्र विकल्प है। ग्रामीणों द्वारा उस जंगल मे वृक्षारोपण कर हरा भरा किया गया था। जबकि कम्पनी द्वारा डंपिंग जोन के नाम पर वहां हजारो पेड़ काट दिए गए थे। और अब चारापत्ती का अंतिम विकल्प भी समाप्त कर रहे है। कहा कि आपदा के लिहाज से चमोली जनपद सवेंदनशील है। रेणी की घटना को लोग भूले नही है। ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं की मनमानी और अराजक कार्यशैली और भी आपदाओ को न्यौता दे सकती है। उन्होंने कहा की मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी है उन पर कड़ी कार्यवाही होनी चहिए। और जलविद्युत परियोजनाओं के कामो की जांच होनी चाहिए।