
चुनावी सीजन में नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है। संभव है कि इसका असर चुनाव परिणामों पर दिखे। कोर्ट ने संशोधित विनियमितीकरण नियमावली-2016 व इस संबंध में जारी शासनादेश के अंतर्गत आउटसोर्सिग कर्मचारियों को विभागीय संविदा के तहत नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है।

सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि इस नियमों के तहत किसी कार्मिक को नियमित न किया जाए और न ही विभागीय संविदा पर नियुक्ति दी जाए। हल्द्वानी निवासी हिमांशु जोशी व अन्य ने याचिका दायर कर नियमावली में संशोधन व शासनादेश को चुनौती दी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार खाली पदों पर संविदा पर नियुक्ति दे रही है, सरकार के इस फैसले से अर्से से तैयारी कर रहे योग्य व सक्षम युवा मौके से भी वंचित हो रहे हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की एकल पीठ ने मामले को सुनने के बाद संशोधित नियमितीकरण नियमावली-2016 व 19 दिसंबर के शासनादेश पर रोक लगा दी। कोर्ट के इस फैसले से हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका लगा है।



