हर दिल अजीज क्यों होते जा रहें है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर…..

उत्तराखंड में 18 मार्च को सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही त्रिवेंद्र रावत लगातार प्रदेश हित में नए-नए कदम उठा रहे हैं। सीएम बनते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए उनकी सरकार नो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि सरकार के 7 महीने के कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे है। सीएम त्रिवेंद्र का कहना है कि, ‘‘जो कहा है-वह करेंगे.’’ जनता ने पूर्ण बहुमत से राज्य को एक स्थिर सरकार देने के साथ ही उसे खुले हाथों से प्रचंड आशीर्वाद भी दिया है। इसके लिए उनकी सरकार इसे जिम्मेदारी के रूप में समझने हुए जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का काम करेगी।
रैबार’ कार्यक्रम सरहानीय कदम
सीएम त्रिवेंद्र का मानना है कि पिछले 17 साल में उत्तराखंड ने बहुत कुछ हासिल किया,लेकिन अभी भी सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उनके मुताबिक प्रदेश में मौजूद पर्यटन का अकूत खजानावन व जल संपदा का भंडार हमारे लिए वरदान है। इसलिए हमने नया उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। सीएम रावत का कहना है कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। आज देश में महत्वपूर्ण पदों पर उत्तराखंड के लोग विराजमान हैं। उन सभी महानुभावों का नये उत्तराखंड के निर्माण में क्या योगदान हो सकता हैइस पर मंथन के लिए 5 नवंबर को उत्तराखंड की इन तमाम विभूतियों को एक मंच पर लाकर हमने ‘रैबार’ कार्यक्रम आयोजित किया। रैबार कार्यक्रम में उत्तराखंड मूल के सेना प्रमुख बिपिन रावत,प्रधानमंत्री के सचिव भास्‍कर खुल्बे, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, कोस्टगार्ड के डायरेक्टर जनरल राजेन्द्र सिंह, समेत कई विशिष्ट लोग शामिल हुए, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले।
ऋषिपर्णा नदी (रिस्पना) को पुनर्जीवित करने का संकल्प
मुख्यमंत्री रावत एक सरल एवं सादगीपूर्ण व्यक्तित्व वाले है। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह जिस प्रकार से किसी भी योजना को बिना किसी हो हल्ले के मूर्तरूप देने का काम कर रहे है, वह उनकी सादगी को दर्शाता है। ऋषिपर्णा नदी (रिस्पना) को पुनर्जीवित करने का संकल्प मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं लिया है। यूं तो पिछली सरकारों ने भी रिस्पना नदी को लेकर काफी राजनीतिक बयानीबाजी की, लेकिन गंभीर प्रयास किसी ने शुरू नही किये। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक ऐसा भगीरथ प्रयास की शुरूआत की है, जिसके सफल होने पर निश्चित रूप से ऋषिपर्णा नदी (रिस्पना) के पुनर्जीवित होने का श्रेय मुख्यमंत्री रावत को ही जायेगा।
शिक्षा की गुणवक्ता में सुधार लाने के लिए उठाए कदम
वंही सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवक्ता में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं से संवाद किया। जंहा मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में स्कूली छात्र-छात्राओं से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी, तो वंही कई आईएएस आधिकारियों ने सरकारी स्कूलों मे छात्रों की पाठशाला लगाई। मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव राधिका झा दून के राजकीय इंटर कॉलेज माजरी माफी में छात्रों के बीच पहुंचीं. राधिका झा कई घंटे तक इंटर कॉलेज में रहीं और एक कार्यशाला आयोजित की. उन्होंने इस कॉलेज को गोद लेने की भी घोषणा की. उनसे मिलकर छात्र-छात्राओं ने कहा कि उनमें कुछ करने का विश्वास जगा है।
उनके करीबी मानते है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुशल शासन की वजह है की वो अपने अधिकारियो पर विश्वास करते है और उन्होंने अपने अधिकारियो बिना किसी राजनितिक दबाव, भेदभाव के प्रदेश हित में काम करने के निर्देश दिए है। लोगो का कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र अपने खास लोगो की बजाय जनता हित में काम करने का विश्वास रखते है।यही वजह है कि शांत एवं सरल व्यक्तित्व वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और हर दिल अजीज होते जा रहे है।

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