हरिद्वार – आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है, इसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण भारत में शाम 5 बजकर 20 मिनट से लेकर 6 बजकर 20 मिनट तक दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लगने के कारण धर्म नगरी हरिद्वार में तमाम मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं।
धार्मिक दृष्टि से इस चंद्रग्रहण को अशुभ माना जा रहा है क्योंकि कार्तिक मास में यह दूसरा ग्रहण 15 दिन के अंदर लगा है। यह सहयोग महाभारत के समय भी पढ़ा था इसलिए यह ग्रहण मनुष्य के जीवन में काफी प्रभाव डालेगा।
ज्योतिष दृष्टि से इन ग्रहण को काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी का कहना है कि राहु की प्रदी में जब चंद्रमा आता है तो चंद्र ग्रहण लगता है। वर्तमान में मेष राशि में राहु चल रहा है चंद्रमा का आगमन भी मेष राशि में हुआ है। यह चंद्रग्रहण इस वर्ष का अंतिम ग्रहण है।
भारत में चंद्रग्रहण 5 बजकर 20 मिनट पर दिखाई देगा। इसका सूतक काल 9 घंटे पहले लगता है। पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में यह चंद्रग्रहण एक घंटा पूर्व ही प्रारंभ होगा। 6 बजकर 20 मिनट तक चंद्रग्रहण का पूरा प्रभाव रहेगा। उसके बाद ही मंदिरों के कपाट खोलकर पूजा अर्चना की जाएगी। चंद्र ग्रहण के वक्त भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए क्योंकि शिव ने चंद्रमा को ग्रहण से बचाने के लिए अपने मस्तक पर धारण किया है। ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है। मगर सूर्य और चंद्रमा हमारे जीवन में काफी प्रभाव डालते हैं। इस चंद्रग्रहण का भारत और विश्व पर अशुभ प्रभाव देखने को मिल रहा है क्योंकि 15 दिन पूर्व ही सूर्यग्रहण भी पढ़ा था यह सहयोग महाभारत काल में पढ़ा था।