बरेली। स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने को लेकर दरगाह आला हजरत ने अपने एक अहम फतवे में कहा कि जश्न-ए-आजादी पर झंडा फहराने या जश्न मनाने में किसी तरह का कोई हर्ज नहीं है.
गुजरात में गांधी चौक के रहने वाले मुहम्मद अली ने दरगाह आला हजरत से सवाल किया था कि क्या 15 अगस्त और 26 जनवरी पर स्कूल, घर, दुकान और प्रतिष्ठान पर तिरंगा फहराया जा सकता है और आजादी के जश्न में हिस्सा लेना इस्लाम की नजर में कितना सही है. दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजरे इस्लाम के मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने आज फतवा जारी कर कहा है कि इस्लामी कानून के उसूलों का सम्मान करते हुए मुल्क का झंडा भी फहरा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि बेहतर यह है कि आजादी के जश्न में उन मुस्लिम उलमा और मजहबी रहनुमाओं को श्रद्धांजलि पेश करें, जिन्होंने जालिम अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ आवाज उठाई थी और अपने जान और माल कुर्बान कर दिए. नूरी ने फतवे में कहा कि ऐसा करके उन फिरकापरस्तों की साजिश को भी नाकाम किया जा सकता है, जो मुसलमानों के खिलाफ मुल्क में दुश्मनी का इल्जाम लगाते रहते हैं. ऐसी ताकतों को जवाब देने के लिए आजादी के जश्न में बढचढकर हिस्सा लें.