हल्द्वानी : सूबे के हर गांव में वर्ष 2018 तक बिजली पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। लिहाजा बिजली महकमें के अधिकारी विद्युत सुविधा से वंचित गांवों में बिजली पहुंचाने की ठोस रणनीति तैयार कर अभी से काम प्रारम्भ कर दें। यह निर्देश प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्किट हाउस में बुधवार को विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान कही।
उन्होनें कहा कि हम घोषणाओं की परम्परा पर काम नहीं करते हैं। हम शासनादेश जारी कर काम धरातल पर उतारने वाली संस्कृति के लोग हैं। उन्होनें मुख्य अभियन्ता विद्युत एचके गुररानी से कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल और विद्युत बडी समस्या बनकर सामने आती है। बदलते मौसम चक्र से नदियों का जलस्तर काफी नीचे गिरा है। ऐसे में बेहतर जल वितरण प्रबन्धन के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होनें विद्युत महकमें से कहा कि ऐसे हालात में नलकूपों के माध्यम से पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है। उन्होनें निर्देश दिये कि विद्युत विभाग कुमायूं मण्डल के बिजली सुविधा से महरूम नौ गांवों में बिजली पहुंचाने का काम करें।
साथ ही नलकूपों में विद्युत कनेक्शन प्राथमिकता पर दिये जाये। कोई भी नलकूप बिजली कनेक्शन के अभाव में निष्क्रिय न रहें। मुख्यमंत्री ने सिंचाई महकमें को निर्देश दिये कि विभाग के जो दस नलकूप खराब पडे है, उन्हें एक सप्ताह के भीतर ठीक कर पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जायें। उन्होनें अधिकारियों से कहा कि वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं विधायको के साथ अवश्य ही संवाद बनाये रखें तथा जन समस्याओं के निराकरण के लिए तत्पर रहें। जन सरोकरों से जुडे अधिकारी कार्योलयों में बैठकर कार्य करने की संस्कृति का त्याग कर क्षेत्र में रहकर कार्य करें। श्री रावत ने आयुक्त कुमायूं मण्डल डी सैंथिल पांडियन से कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर पेयजल की आपूर्ति, वितरण, संरक्षण एवं निर्माण कार्यों की अपने स्तर पर समीक्षा करें व क्षेत्र भ्रमण कर जायजा लें। उन्होनें जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी से कहा कि एडीबी द्वारा हल्द्वानी महानगर के लिए जो पानी के ओवरहैड टैंक बनाये हैं, उनमें पचास फीसदी टैंकों से पानी लिकेज है। इसकी अपने स्तर से जांच करें, दोषियों को निलम्बन के साथ ही रिकवरी की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन हमारे राजस्व का बहुत बडा आधार है। अवैध खनन को रोकने के लिए सभी अधिकारी बिना किसी भय एवं राजनैतिक दबाव के कार्य करें। उन्होनें सम्भागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा को आदेशित किया कि खनन की ओवरलोडिंग को तत्काल प्रभाव से रोकने का कार्य करें। खनन के ओवरलोडेड वाहनों एवं परिवहन के कार्य में लगे वाहनों की ओवर लोडिंग से जहाँ हमारी सड़के क्षतिग्रस्त होती हैं वहीं राजस्व का घाटे के साथ ही दुर्घटनाएं भी होती हैं। यह एक अत्यन्त संवेदनशील प्रकरण है। ऐसे में पुलिस, प्रशासन, परिवहन, को संयुक्त रूप से कार्यवाही करनी होगी। श्री रावत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी से कहा कि नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर नकेल कसी जाये। बाहर के प्रदेशों से आकर लोग हमारी युवा पीढ़ी को नशा सप्लाई कर रहें, जोकि बहुत चिन्ताजनक है।
उन्होनें पुलिस पैट्रोलिंग और रात्रि गस्त बढ़ाने के भी निर्देश दिये। बैठक में मौजूद वन विभाग के अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में वनों को आग से बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। वन हमारे प्रदेश की सबसे बडी सम्पदा और राजस्व के आधार हैं। उन्होनें गर्मी के मौसम में वन्यजीवों को हर हाल में पेयजल की व्यवस्था के निर्देश दिये, ताकि पानी के अभाव में वन्य जीव शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों का रूख न करें। विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि उनके क्षेत्र में जो नलकूप हैं, उनके रखरखाव के बजट आंवटित नहीं होता। इसके साथ ही उन्होने चौरगलिया एवं नंधौर में आवश्यक खनन कराये जाने की बात कही, ताकि बाढ़ की स्थिति न बनें। विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि पेयजल की लाइनें 50 साल से भी पुरानी है, जिससे पेयजल वितरण में कठिनाई होती है।
लिहाजा पेयजल लाइनों के बदलने की कार्यवाही की जानी चाहिए। श्री भगत ने बताया कि उनके क्षेत्र में अभी भी अधिकांश नलकूपों पर स्टेपलाईजर नहीं लगे हैं। विधायक संजीव आर्य ने कहा कि स्वैप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जो पेयजल लाइनें डाली गयी हैं, वह काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं उनकों तत्काल मरम्मत किया जाना जरूरी है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बनी रहे।
मेयर डा0 जोगेन्द्रपाल सिंह रौतेला ने एडीबी द्वारा महानगर में बनाये गये पानी के ओवरहैड टैंकों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगाते हुए बताया कि लगभग पचास फीसदी ओवरहैड टैंकों से पानी की जबरदस्त लिकेज है, इसकी जांच होनी चाहिए एवं सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहिए।
बैठक में परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, के अलावा आयुक्त कुमायूं डी सैंथिल पांडियन, उप पुलिस महानिरीक्षक कुमायूं अजय रौतेला, मुख्य अभियन्ता विद्युत एचके गुररानी, मुख्य अभियन्ता लोनिवि बीसी बिनवाल, निदेशक समाज कल्याण विष्णु सिंह धानिक, मुख्य विकास अधिकारी प्रकाशचन्द्र, नगर आयुक्त केके मिश्रा, उप जिलाधिकारी एपी वाजपेई, क्षेत्रीय प्रबन्धक परिवहन निगम कुशीराम, वन संरक्षक डा0 पराग मधुकर धकातै, निदेशक स्वास्थ्य डा0 एलएम उप्रेती के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।