अब हर रविवार को सूबे के मुखिया जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनेंगे तथा मौके पर ही जन समस्याओं का समाधान करेंगे। इसी क्रम में बीते रविवार को मुख्यमंत्री ने माजरी ग्रांट डोईवाला में क्षेत्रीय जनता से भेंट की तथा मौके पर उपस्थित अधिकारियों को जनता की समस्याओं केे निस्तारण के निर्देश भी दिये। इस अवसर पर बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थीं।
जनता से भेंट के दौरान जन समस्याओं की जानकारी प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को जन समस्याओं का समाधान तत्परता एवं पूरी जिम्मेदारी के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की जन समस्याओं का निराकरण उप जिलाधिकारी के स्तर पर हो जाय यह भी सुनिश्चित किया जाय ताकि अपनी छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को मुख्यमंत्री तक न आना पडे।
मुख्यमंत्री ने खेती को नुकसान पहुंचाये बिना योजनाओं के क्रियान्वयन एवं सिंचाई के पानी की अविरलता बनाये रखने पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की पेयजल सिंचाई सड़क आदि से संबंधित समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जा रहा है। चाण्डी पुल के निर्माण, क्षेत्र की 10 नलकूपों की स्थापना के लिये धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के पेयजल व सिंचाई की समस्या के समाधान के लिये सूर्यधार झील का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण एक वर्ष में पूर्ण होगा। इससे क्षेत्र के 43 गांवों को ग्रेविटी का पानी उपलब्ध होगा साथ ही नलकूपों के विद्युत व्यय का 07 करोड रूपय भी बचेगा तथा सिंचाई के लिये भी जल की आपूर्ति होगी। इससे वर्ष 2051 तक इस क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला डिग्री काॅलेज में साइंस फेकल्टी के साथ ही थानो में एलईडी से संबंधित 45 प्रकार के आईटम तैयार करने से संबंधित प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से 50 मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। ऐसा ही प्रशिक्षण केन्द्र कोटाबाग में भी स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के साथ अभी 50 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये जा रहे है। शीघ्र ही 670 न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर विकसित किये जायेंगे। इससे स्वरोजगार के अवसर पैदा होने के साथ ही नई टाउनशिप भी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिये रेडीमेड गारमेंट तैयार करने का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक दशा में सुधार के लिये प्रदेश के 625 मंदिरों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रसाद तैयार किये जाने की व्यवस्था की गई है।