सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर सुनवाई का आज पांचवां दिन है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने AIMPLB से पूछा कि क्या ये मुमकिन है कि महिला को यह अधिकार दे दिया जाए कि वह एक साथ तीन तलाक देने पर तलाक को स्वीकार ना करें.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह भी कहा कि क्या सभी काजियों से निकाह के समय इस शर्त को शामिल करने के लिए कहा जा सकता है।
इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता यूसुफ हातिम मुछल ने कहा कि काजी आईएमपीएलबी की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। हालांकि, मुछल ने हाल ही में लखनऊ में हुए एआईएमपीएलबी के सम्मेलन में पारित एक प्रस्ताव का जिक्र किया, जिसमें बोर्ड ने समुदाय से तत्काल तीन तलाक से अपनी शादी खत्म करने वाले पुरुषों का बहिष्कार करने को कहा। यह सम्मेलन 14 अप्रैल, 2017 को हुआ था।